जोहानिसबर्ग: कप्तान डीन एल्गर के अनुसार भारत के खिलाफ वांडरर्स में जीत दक्षिण अफ्रीका की टीम के लिए सही दिशा में उठाया कदम है और सुधार की गुंजाइश के बावजूद अंतिम टेस्ट से पहले मेजबान टीम अपनी रणनीति में अधिक बदलाव नहीं करेगी।
पहले टेस्ट में 113 रन की हार के बाद दक्षिण अफ्रीका ने वापसी करते हुए यहां दूसरे टेस्ट में सात विकेट की जीत के साथ तीन मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर कर दी। स्पोर्ट्स24 ने एल्गर के हवाले से कहा, यह सकारात्मक कदम है, इसमें कोई संदेह नहीं और सही दिशा में उठाया गया कदम।
उन्होंने कहा, हमें अब भी चुनौतीपूर्ण मुकाबलों का सामना करना है और इसमें मंगलवार से शुरू हो रहा अगला टेस्ट भी शामिल है। हमें अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा और महत्वपूर्ण यह होगा कि खिलाड़ी कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
एल्गर ने दूसरी पारी में नाबाद 96 रन की पारी खेलने के अलावा रेसी वान डेर डुसेन और तेंबा बावुमा के साथ उपयोगी साझेदारियां करके अपनी टीम को जीत दिलाई। कप्तान का मानना है कि इस जीत से उनकी अनुभवहीन टीम अंतिम टेस्ट में जोश से भरी होगी।
उन्होंने कहा, हालांकि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और इससे टीम में शामिल कई खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।एल्गर ने कहा, हमारी टीम थोड़ी अनुभवहीन है लेकिन हमें पता है कि सभी चीजें हमारे पक्ष में नहीं होंगी।
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच श्रृंखला का निर्णायक और अंतिम टेस्ट केपटाउन में न्यूलैंड्स में मंगलवार से खेला जाएगा और एल्गर का मानना है कि मेजबान टीम में सुधार की गुंजाइश है।
दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने कहा, हमारा ध्यान कुछ विभागों पर है और केपटाउन टेस्ट से पहले हमें उन पर अधिक ध्यान देना होगा।उन्होंने कहा, हमें अपनी रणनीति का कड़ाई से पालन करना होगा इसलिए केपटाउन टेस्ट में हम अपनी रणनीति में अधिक बदलाव नहीं करेंगे।
जोहन्सबर्ग में हमेशा टीम इंडिया के आड़े आते हैं एल्गर
जोहन्सबर्ग पर जब भी टेस्ट खेला जाता है तो डीन एल्गर का विकेट लेना टीम इंडिया के लिए चुनौती बन जाती है। साल 2018 में हुए टेस्ट मैच में डीन एल्गर ने 86 रनों की नाबाद पारी खेली थी, हालांकि यह मैच भारत 63 रनों से जीतने में सफल रहा था लेकिन एल्गर का विकेट लेने में टीम इंडिया नाकाम रही थी।
साल 2022 का पहला और सीरीज का दूसरा टेस्ट जोहन्सबर्ग पर खेला गया डीन एल्गर ने बदलाव के दौर से गुजर रही दक्षिण अफ्रीका की जीत की जिम्मेदारी ली और 200 से ज्यादा गेंद खेली। वह अंत तक टिके रहे और उन्होंने 10 चौकों की मदद से नाबाद 96 रन बनाए।
एल्गर धैर्य की प्रतिमूर्ति बने रहे। विजयी चौका भी एल्गर के बल्ले से ही आया और उन्होंने अश्विन की गेंद पर लेग साइड में शॉट मारकर अपनी टीम के लिए एक बहुमूल्य जीत दिला दी।
दक्षिण अफ्रीका ने बनाई दौरे की सबसे बड़ी साझेदारी
एल्गर ने बुधवार को एडेन मार्कराम (31) के साथ पहले विकेट के लिये 47 और कीगन पीटरसन (28) के साथ दूसरे विकेट के लिये 46 रन की साझेदारियां करने के बाद गुरुवार को रॉसी वान डर डुसेन के साथ 82 रन की साझेदारी की। यह इस दौरे पर दक्षिण अफ्रीका के लिए सबसे बड़ी साझेदारी साबित हुई। इसके बाद एल्गर (96 नाबाद) ने तेम्बा बावुमा (नाबाद 23) के साथ 68 रन की साझेदारी करके दक्षिण अफ्रीका की आसान जीत सुनिश्चित की।