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राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी क्यों हुए शर्मसार?

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, गुरुवार, 26 दिसंबर 2019 (19:49 IST)
कोलकाता। राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी को गुरुवार को शर्मसार होना पड़ा क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए बंगाल रणजी टीम के ड्रेसिंग रूम से बाहर जाने के लिए कहा गया हालांकि उन्होंने इस आरोप को खारिज कर दिया।
 
यह घटना बंगाल और आंध्र के बीच खेले जा रहे रणजी मैच के दूसरे दिन तब घटी जबकि खराब रोशनी के कारण खेल रुका हुआ था और गांधी टीम फिजियो से मिलने ड्रेसिंग रूम में चले गए थे।
 
बंगाल के पूर्व कप्तान मनोज तिवारी ने जब भ्रष्टाचार निरोधक प्रोटोकाल की बात की, जिसके बाद बीसीसीआई के भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी सोमन कर्माकर ने गांधी को ड्रेसिंग रूम से बाहर जाने के लिए कहा। भ्रष्टाचार निरोधक प्रोटोकाल के अनुसार केवल खिलाड़ी और टीम के सहयोगी स्टाफ ही ड्रेसिंग रूम में रह सकते हैं।
 
तिवारी ने कहा, हमें भ्रष्टाचार निरोधक प्रोटोकाल के नियमों का पालन करना चाहिए। एक राष्ट्रीय चयनकर्ता बिना अनुमति के ड्रेसिंग रूम में नहीं घुस सकता है। केवल खिलाड़ी और टीम अधिकारी ही ड्रेसिंग रूम में प्रवेश कर सकते हैं। गांधी ने हालांकि कहा कि उन्होंने ड्रेसिंग रूम में जाने से पहले भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी की अनुमति ली थी।
 
उन्होंने कहा, मैंने प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया। मुझे बंगाल के कोच अरुण लाल ने ड्रेसिंग रूम में आमंत्रित किया था। वह मेरे पहले कप्तान थे। मेरी पीठ में दर्द है और इसलिए मैंने अनुमति ली और बंगाल के फिजियो से चिकित्सा कक्ष में आने के लिए कहा लेकिन मनोज को लगता है कि इससे परेशानी थी।
 
पूर्व क्षेत्र के चयनकर्ता ने कहा कि तिवारी ने वह काम किया जिसकी जरूरत नहीं थी। तिवारी दो सत्र तक गांधी की अगुवाई में खेले थे।
 
गांधी ने कहा, इससे मैं ही नहीं बल्कि बंगाल क्रिकेट से जुड़े सभी लोगों को बुरा लगा। मेरे मनोज से मतभेद नहीं हैं। उसने ऐसा करके युवा खिलाड़ियों के सामने अच्छा उदाहरण पेश नहीं किया। 

देवांग गांधी के लिए लिए यह घटना भले ही शर्मसार करने वाली हो गई हो लेकिन बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) ने घटनाक्रम को बताते हुए कहा कि गांधी ने किसी भी प्रोटोकॉल का उल्लघंन नहीं किया।
 
कैब के बयान के अनुसार, देवांग गांधी राष्ट्रीय चयनकर्ता रह चुके हैं, वह तब ड्रेसिंग रूम में प्रवेश करना चाहते थे, जब मैच नहीं खेला जा रहा था। एसीयू अधिकारी ने मैच रैफरी से जरूरी अनुमति मिलने के बाद ही प्रवेश करने की अनुमति दी।

हालांकि जब गांधी कुछ चिकित्सा कराना चाहते तो उन्होंने यही बात एसीयू अधिकारी को बता दी थी इसलिए प्रोटोकॉल को बरकरार रखने के लिए उन्हें खिलाड़ियों के क्षेत्र के बाहर मेडिकल रूम में ऐसा करने को कहा गया। इसलिए कोई उल्लंघन नहीं हुआ।
 
सूत्रों के अनुसार यह मसला बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को रिपोर्ट कर दिया गया है और तिवारी को फटकार लग सकती है।

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