WELL PLAYED, DHRUV JUREL...
— Johns. (@CricCrazyJohns) February 25, 2024
India was down, 177 for 7, trailing by 176 runs and then he came & bossed the game - scored 90 runs from 149 balls in a tough situation and helped India to get near to England total. pic.twitter.com/QLC9V5sEE3
ऐसा ही कुछ दूसरी पारी में हुआ, 192 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम इंडिया ने 120 पर अपने 5 विकेट खो दिए थे, ऐसा लग रहा था कि अब भारतीय बल्लेबाजी का पतन शुरू होने वाला है लेकिन ध्रुव जुरेल ने शुभमन गिल (Shubman Gill) के साथ मिलकर एक मजबूत पार्टनरशिप बनाई और दोनों ने टीम इंडिया की नैया को पार लगाते हुए सीरीज अपने काबू में करने में मदद की। शुभमन गिल ने नाबाद 52 रन बनाए, ध्रुव ने नाबाद 39 रन बनाए।
भारतीय टीम में आने के लिए काफी सालों से संघर्ष कर रहे ध्रुव ने रांची में अपना पहला अर्द्धशतक जड़ सेलिब्रेशन बड़े ही ख़ास अंदाज में बनाया, उन्होंने 50 बनाकर सैल्यूट (Salute) कर जश्न मनाया। और बाद में उन्होंने इस जश्न के पीछे की वजह बताई। दरअसल, ध्रुव जुरेल पिता भारतीय आर्मी में हवलदार के पद पर थे और वे कारगिल युद्ध के योद्धा भी थे।
— Dhruv Jurel (@dhruvjurel21) February 25, 2024
इस जश्न के बारे में बताते हुए ध्रुव जुरेल ने कहा, "पचास स्कोर करने के बाद का जश्न मेरे पिता के लिए था। वह कारगिल युद्ध के अनुभवी हैं। कल शाम, मैं अपने पिता से फोन पर बात कर रहा था और उन्होंने मुझसे परोक्ष रूप से कहा 'बेटा, कम से कम एक बार अपना सैल्यूट दिखाना।" ', मैं बचपन से ऐसा कर रहा हूं, इसलिए वह जश्न मेरे पिता के लिए था।'
देश की सेवा के अलग अलग रूपध्रुव जुरेल का जन्म 21 जनवरी 2001 को उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था, उनके पिता नेमचंद भारतीय सेना में हवलदार थे, वे हमेशा से चाहते थे कि उनका बेटा उन्ही की तरह देश की सेवा करे, लेकिन ध्रुव किसी को क्षेत्र में जाकर भारत की सेवा करना चाहते थे और वो था क्रिकेट! 5 साल की उम्र में जुरेल का बायां पैर बस के नीचे आ गया और उसकी सर्जरी करानी पड़ी लेकिन उन्होंने जल्द ही रिकवरी की।
उनके पिता ने उन का एडमिशन आर्मी (Army) स्कूल में करा दिया, जुरेल ने समर कैंप के दौरान कुछ लड़कों को क्रिकेट खेलते हुए देखा, उन्हें खेलता देख जुरेल की इस खेल में रुचि बढ़ी और क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।
माँ ने क्रिकेट किट के लिए बेचे गहनेधुर्व की माँ क्रिकेट में उन्हें हमेशा सपोर्ट करती थी लेकिन उनकी आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं थी, 12वीं में ध्रुव ने क्रिकेट बैट की जिद्द की तो उनके पिता ने उन्हें कश्मीर विलो बैट लाकर दिया लेकिन सिर्फ बैट से ही कहाँ काम चलना था, उन्हें क्रिकेट किट की ज़रूरत भी थी।
लेकिन क्रिकेट किट की कीमत लगभग 6000 रूपए थी, ध्रुव के पिता ने उनसे कहा कि मत खेलो लेकिन वे कहाँ मानने वाले थे ध्रुव ने जिद में खुद को बाथरूम में बंद कर लिया, अब माँ का दिल तो होता है बड़ा कोमल और दयालु है, बेटे की उदासी उनसे नहीं देखी गई और उन्होंने अपने गहने बेच कर धुर्व को क्रिकेट किट दिलवाई, तबसे ध्रुव ने सोच लिया था कि अपने माँ और पिता की मेहनत और बलिदान वे जाया नहीं होने देंगे, उन्होंने खूब मेहनत की।
आगरा में इतनी फैसिलिटी न होने के कारण उन्होंने नोएडा की एक क्रिकेट अकेडमी को ज्वाइन किया, वे रोज आगरा से नोयडा सफर करने लगे, उनकी माँ ने क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण देख नोयडा में उनके साथ शिफ्ट कर लिया, वहीँ पिता ने आगरा में ही अपनी जॉब जारी रखी।
ध्रुव जुरेल का क्रिकेट करियरउन्होंने अपने स्कूल में एक समर कैंप के दौरान क्रिकेट खेलना शुरू किया। वहां उन्होंने कुछ बच्चों को क्रिकेट खेलते देखा और इससे उनकी इस खेल में रुचि विकसित हुई। उन्होंने उत्तर प्रदेश की अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 टीमों के लिए क्रिकेट खेला।
ध्रुव ने 10 जनवरी 2021 को 2020-21 Syed Mushtaq Ali Trophy में उत्तर प्रदेश के लिए अपना T20 डेब्यू किया। उनके टी20 डेब्यू से पहले, उन्हें 2020 U19 Cricket World Cup के लिए भारत की टीम के उप-कप्तान के रूप में नामित किया गया था।
फरवरी 2022 में, उन्हें 2022 IPL Auction में Rajasthan Royals द्वारा खरीदा गया था। उन्होंने 17 फरवरी 2022 को 2021-22 Ranji Trophy में उत्तर प्रदेश के लिए First Class Cricket में डेब्यू किया। जुरेल ने 5 अप्रैल 2023 को गुवाहाटी में पंजाब किंग्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स के लिए अपना डेब्यू किया और 32*(15) रन बनाए। इस प्रदर्शन ने ज्यूरेल की टीम में जगह पक्की कर दी।
उन्होंने 14 जुलाई 2023 को UAE A के खिलाफ भारत ए के लिए 2023 एसीसी इमर्जिंग टीम एशिया कप (ACC Emerging Teams Asia Cup) में अपनी लिस्ट ए की शुरुआत की। जनवरी 2024 में, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट के लिए अपना पहला भारतीय कॉल-अप अर्जित किया।