चेन्नई: इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भारत के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन शुक्रवार को दूसरे विश्व युद्ध में हिस्सा ले चुके इंग्लैंड के दिवंगत कैप्टन टॉम मूर की याद में हाथ पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे।
100 वर्षीय सर टॉम मूर का हाल ही में कोरोना वायरस के कारण अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। वह पूर्व सैनिक होने के साथ ही विभिन्न कामों के लिए धन जुटाते थे। उन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी धन जुटाया था। इंग्लैंड के कप्तान जो रुट ने वीडियो संदेश के जरिए सर मूर को श्रद्धांजलि दी।
उनके काम के लिए ब्रिटेन की महारानी ने उन्हें नाइट की पदवी से सम्मानित किया गया था। टॉम मूर के लिए पैदल चलना चुनौती था। उनकी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई है और स्किन कैंसर का इलाज भी हुआ था। खड़े होने के लिए वे वॉकिंग फ्रेम की मदद लेते थे, लेकिन उन्होंने पैदल चलकर यह साबित किया कि किसी लक्ष्य को पाने के लिए शारीरिक मुश्किलें कभी बाधा नहीं बन सकती हैं।
समाचार-पत्रों की सुर्खियों और टीवी इंटरव्यू के कारण वे जाना माना नाम बन गए थे। ब्रिटेन के सरकारी अस्पताल एनएचएस के लिए मूर ने 3.3 करोड़ पाउंड (तक़रीबन 3330 करोड़ रुपए) जुटाए थे। टॉम मूर ने एक वॉकिंग फ्रेम की सहायता से प्रत्येक दिन 10 लैप्स चलने का लक्ष्य रखा था। उनकी मदद के लिए कई देशों ने दान के लिए हाथ आगे बढ़ाया था।