कोलकाता। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह ने शनिवार को कहा कि तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को पिता के निधन के बाद शोक में डूबे परिवार के साथ होने के लिए भारत लौटने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय कर्तव्य के कारण ऑस्ट्रेलिया में रूके रहने का फैसला किया।
सिराज के पिता मोहम्मद गौस 53 बरस के थे और फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे। शाह ने कहा, बीसीसीआई ने सिराज के साथ एक चर्चा की और दुख की इस घड़ी में उन्हें अपने परिवार के साथ होने के लिए भारत आने का विकल्प दिया गया।
उन्होंने कहा, इस तेज गेंदबाज ने भारतीय दल के साथ बने रहने और अपने राष्ट्रीय कर्तव्यों को निभाने का फैसला किया है। बीसीसीआई उनके दुख को साझा करता है और इस बेहद चुनौतीपूर्ण समय में सिराज का समर्थन करेगा।बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली ने त्रासदी की इस घड़ी में जीवटता और मजबूत मानसिकता दिखाने के लिए हैदराबाद के इस तेज गेंदबाज की सराहना की।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, मोहम्मद सिराज को इस परिस्थिति का सामना करने के लिए मजबूती मिले। मैं इस दौरे पर उनकी सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं। जबरदस्त जीवटता।एक क्रिकेटर के रूप में सिराज की सफलता में उनके ऑटो चालक पिता की अहम भूमिका रही, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अपने बेटे की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन किया।
सिराज रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद के लिए 41 विकेट चटकाकर सुर्खियों में आए थे। इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग की टीम सनराइजर्स हैदराबाद ने इस अनकैप्ड खिलाड़ी को 2.6 करोड़ की बोली के साथ टीम में शामिल किया था। वे फिलहाल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर टीम के सदस्य हैं।
सिराज ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय दल में टेस्ट टीम के सदस्य हैं। भारतीय टीम 13 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद अभी 14 दिन के पृथकवास से गुजर रही है।सिराज अगर भारत आते हैं तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया वापस पहुंचने पर फिर से 14 दिनों तक पृथकवास में रहना होगा।(भाषा)