मुंबई। टेस्ट क्रिकेट में अपनी पदार्पण पारी में शतक लगाने वाले पहले भारतीय दीपक शोधन का सोमवार को उनके जन्म स्थान अहमदाबाद में अपने निवास स्थल पर निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे।
बीसीसीआई के बयान के अनुसार उनका सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे थे। वे भारत के सबसे उम्रदराज जीवित क्रिकेटर थे।
शोधन को पाकिस्तान के खिलाफ दिसंबर 1952 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए अपने पदार्पण मैच की पहली पारी में ही शतक जड़ने के लिए जाना जाता है।
18 अक्टूबर 1928 को जन्मे शोधन 8वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे और उन्होंने आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट होने से पहले पहले 110 रन की जबर्दस्त पारी खेली जिसमें 15 चौके शामिल थे। उन्होंने इस पारी से भारत को संकट से बाहर निकालकर 140 रन की बढ़त दिलाई थी। यह मैच हालांकि ड्रॉ रहा था और भारत ने 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला 2-1 से जीती थी।
लाला अमरनाथ के बाद शोधन दूसरे भारतीय बल्लेबाज थे जिन्होंने अपने पदार्पण टेस्ट मैच में शतक जड़ा था। अमरनाथ ने हालांकि अपनी दूसरी पारी में सैकड़ा लगाया गया था और इस तरह से शोधन पदार्पण पारी में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बने थे। बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने वाले शोधन हालांकि अपने करियर में केवल 3 टेस्ट मैच ही खेल पाए जिसमें उन्होंने 60.33 की औसत से 181 रन बनाए।
शोधन ने बड़ौदा और गुजरात की तरफ से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेली। उन्होंने 43 प्रथम श्रेणी मैचों में 1,802 रन बनाए थे जिसमें 4 शतक और 7 अर्द्धशतक शामिल थे। उनका उच्चतम स्कोर 261 रन था। इसके अलावा मध्यम गति के गेंदबाज के रूप में उन्होंने 73 विकेट भी लिए।
बीसीसीआई ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। बोर्ड ने कहा कि बीसीसीआई दीपक शोधन की भारतीय क्रिकेट को लंबे समय तक दी गई बेजोड़ सेवाओं की सराहना करता है। (भाषा)