हाल ही में नेटवर्क 18 के साथ एक इंटरव्यू में बात चीत करते वक़्त Gautam Gambhir गौतम गंभीर ने बेबाक तरीके से हर विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने लगभग हर विषय पर अपनी बात रखी। लेकिन सबसे वायरल हो रहा जो उनका बयान है, वह यह कि कि 2011 वनडे विश्वकप की जीत में 1 खिलाड़ी को दूसरे 10 खिलाड़ियों से ऊपर रखा गया।
गौतम गंभीर ने साल 2011 की वनडे विश्वकप जीत के बारे में कहा कि युवराज सिंह ने साल 2007 के टी-20 विश्वकप और साल 2011 के वनडे विश्वकप में खासा अच्छा प्रदर्शन किया था और उनकी वजह से ही हम जीते थे। लेकिन क्या उनका नाम इस जीत में सुनाई देता है, नहीं। इसके अलावा बाकी सभी खिलाड़ियों की मेहनत के कारण यह वनडे विश्वकप टीम में आया लेकिन एक आदमी को सबसे आगे दिखाया गया और अन्य 10 को पीछे दिखाया गया।
2 अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल में गंभीर भारतीय जीत के नायकों में शामिल थे और उन्होंने 97 रन की पारी खेली थी जिसके बाद तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद अर्धशतक जड़ते हुए छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी।
विश्व टी20 2007 फाइनल में भी भारत की जीत के दौरान शीर्ष स्कोरर रहे गंभीर ने कहा, 2011 में हमने ऐसा कुछ नहीं किया जो हमें नहीं करना चाहिए था। हमें विश्व कप में खेलने के लिए चुना गया था, हमें विश्व कप जीतना था। जब हमें चुना गया तो हमें सिर्फ टूर्नामेंट में खेलने के लिए नहीं चुना गया, हम जीतने के लिए उतरे थे।
उन्होंने कहा, जहां तक मेरा सवाल है अब इस तरह की कोई भावना नहीं बची है। हमने कोई असाधारण काम नहीं किया, हां हमने देश को गौरवांवित किया, लोग खुश थे, यह अब अगले विश्व कप पर ध्यान लगाने का समय है।
गंभीर ने कहा, अगर मैंने 97 रन बनाए तो मुझे यह रन बनाने के लिए ही चुना गया था। जहीर खान का काम विकेट हासिल करना था। हमें अपना काम करना था। हमने दो अप्रैल को जो भी किया उससे किसी पर अहसान नहीं किया।
इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, मुझे समझ नहीं आता कि लोग पीछे मुड़कर 1983 या 2011 के शीर्ष पलों को क्यों देखते हें। हां, इसके बारे में बात करना अच्छा लगता है या यह ठीक है। हमने विश्व कप जीता लेकिन पिछले मुड़कर देखने की जगह आगे बढ़ना हमेशा अच्छा होता है।