अपने कभी हार न मानने के जज्बे के कारण भारतीय क्रिकेट में अलग पहचान बनाने वाले गौतम गंभीर को अपनी शर्तों पर काम करने वाला व्यक्ति भी माना जाता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम के मुख्य कोच की भूमिका में वह किस तरह से आगे बढ़ते हैं।
गंभीर वह खिलाड़ी हैं जिन्होंने वीरेंद्र सहवाग के साथ मिलकर भारतीय सलामी जोड़ी को नई दिशा दी थी लेकिन उन्हें अपने मुखर व्यक्तित्व के लिए भी जाना जाता है और यही वजह है कि वनडे विश्व कप 2011 में खिताब जीत का श्रेय केवल महेंद्र सिंह धोनी को मिलने पर उन्होंने जब तब आपत्ति जताई।
आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार चैंपियन बनाकर उन्होंने साबित कर दिया कि वह एक कुशल रणनीतिकार हैं। इस साल आईपीएल में वह कोलकाता के मेंटर बने थे और यह टीम तीसरी बार खिताब जीतने में सफल रही थी।
एक क्रिकेटर के रूप में गंभीर की बात करें तो यह कहा जा सकता है कि वह अपने साथी बल्लेबाजों वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के कुछ न कुछ गुण खुद में समाहित किये हुए है।
गंभीर का जन्म 14 अक्तूबर 1981 को दिल्ली में हुआ और उन्होंने अपने राज्य के ही साथी सहवाग के साथ मिलकर भारत की सबसे मजबूत सलामी जोड़ी बनायी। गंभीर ने 2004 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया लेकिन 2008 तक उनका करियर उतार चढ़ाव वाला रहा।
इस बीच पहले 17 टेस्ट मैच में वह केवल एक शतक लगा पाये थे लेकिन इसके बाद अगले 14 टेस्ट मैच में आठ शतक लगाने में सफल रहे। इसके बाद हालांकि टेस्ट मैचों में उनका फार्म गड़बड़ा गया और आखिरी 17 टेस्ट मैच से वह शतक लगाने में नाकाम रहे।
एकदिवसीय मैचों में वह लगातार अपनी छाप छोड़ते रहे हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइटराइडर्स ने उनकी अगुवाई में 2012 और 2014 में खिताब जीता था। उन्हें आईपीएल में सबसे अधिक कीमत (11 करोड़ रुपये से भी अधिक) में खरीदा गया था। गंभीर के नाम पर 4000 से अधिक टेस्ट और 5000 से अधिक वनडे रन दर्ज हैं। (भाषा)