Gautam Gambhir Morne Morkel : टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म हुआ और गौतम गंभीर को टीम इंडिया का नया हेड कोच बनाया गया है लेकिन अब तक सपोर्टिंग स्टाफ में कौन होगा यह तय नहीं हुआ है। हेड कोच के पास अपना सपोर्ट स्टाफ चुनने का अधिकार होता है लेकिन आखिरी निर्णय BCCI का ही होगा। क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार गौतम गंभीर ने गेंदबाजी कोच के लिए साउथ अफ्रीका के पूर्व घातक गेंदबाज मोर्ने मोर्कल का नाम दिया है। मोर्ने के पास कोचिंग का अच्छा ख़ासा अनुभव है।
मोर्कल ने 2006 और 2018 के बीच 86 टेस्ट, 117 वनडे और 44 टी20 मैच खेले, जिसमें उन्होंने क्रमशः 309, 188 और 47 विकेट लिए। मोर्कल पिछले साल भारत में वनडे विश्व कप के दौरान पाकिस्तान टीम के कोच थे, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अनुबंध समाप्त होने से पहले ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी। गंभीर और मोर्कल दोनों के पास लखनऊ सुपर जाइंट्स (LSG) टीम में एक साथ काम करने का अच्छा अनुभव है, जहां गंभीर ने दो साल तक मेंटर के रूप में काम किया और दोनों साल लखनऊ प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया।
गंभीर के कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में शामिल होने और मुख्य कोच एंडी फ्लावर के रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) में चले जाने के बाद मोर्कल नए मुख्य कोच जस्टिन लैंगर (Justin Langer) के साथ फ्रेंचाइजी के गेंदबाजी कोच बने रहे।
जहीर खान, लक्ष्मीपति बालाजी और विनय कुमार भी हैं रेस में शामिल
गेंदबाजी कोच पद के लिए कई नाम सामने आए हैं, जिनमें लक्ष्मीपति बालाजी और विनय कुमार भी शामिल हैं। क्रिकबज रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि बीसीसीआई इस भूमिका के लिए जहीर खान पर विचार कर रहा है। विनय कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को रिप्रेजेंट किया है, उन्होंने भारत के लिए 31 वनडे, 1 टेस्ट और 9टी20 मैच खेले हैं। उन्होंने अपनी घरेलू टीम कर्नाटक को 2013 और 2014 में रणजी ट्रॉफी में जीत दिलाने में भी मदद की थी। मोर्ने मोर्कल अपनी पत्नी रोज केली, जो चैनल 9 पर एक खेल प्रस्तुतकर्ता है, के साथ उत्तरी सिडनी के सीफोर्थ उपनगर में रहते हैं। और इस जोड़े के दो बच्चे हैं।
अभिषेक नायर और रयान टेन डसखाटे (Ryan Ten Doeschate) गंभीर की कुछ अन्य सिफारिशें हैं और माना जाता है कि बीसीसीआई फील्डिंग कोच के लिए टी दिलीप को बनाए रखने के लिए उत्सुक है।
गौतम ने मोर्ने मोर्कल और रयान टेन डसखाटे के नाम का तो सुझाव दिया है लेकिन देखना होगा की BCCI का क्या निर्णय होगा क्योंकि पिछले कुछ सालों से कोचिंग स्टाफ के लिए BCCI भारतियों को ही प्राथमिकता देता आया है।