दक्षिण अफ्रीका से समाप्त हुई सीरीज के बाद विराट कोहली ने बल्लेबाजों को कोसा है और यह इशारा किया है कि जल्द ही भारतीय बल्लेबाजी क्रम में बदलाव दिखेगा।
इसका सीधा सीधा यह मतलब है कि जल्द ही पुराने यानि कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे से टीम इंडिया छुटकारा पाएगी। इन दोनों बल्लेबाजों का फॉर्म लंबे समय से खराब है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार विफलता के बाद कुछ दिन पहले अनुभवी भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे सोशल मीडिया पर पुराने (पुजारा और रहाणे के नाम से मिल कर बना) हैशटैग के साथ ट्रेंड कर रहे थे।
पुजारा और रहाणे का राष्ट्रीय टीम से बाहर किया जाना निश्चित है। ये अपना स्थान तभी बचा सकते हैं जब कोच राहुल द्रविड़ चयन समिति को फॉर्म से बाहर चल रहे दोनों बल्लेबाजों को अंतिम मौका देने के बारे में कहें।
लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह निश्चित रूप से सभी दावेदार युवाओं को निराश कर देगा जो अपने करियर में सही समय पर मौका नहीं दिये जाने से हताश महसूस कर रहे होंगे।
पुराने का फॉर्म खराब
अजिंक्य रहाणे ने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर 22.66 की औसत से सिर्फ 136 रन बनाये जबकि पुजारा का आंकड़ा और भी खराब रहा। उन्होंने इस दौरान 20.66 की औसत से 124 रन बनाये।इस दौरे पर दोनों के बल्ले से सिर्फ 1 अर्धशतक निकला जो दूसरे टेस्ट में आया था।
कौन ले सकता है जगह
ऐसा लग रहा था कि टीम प्रबंधन के साथ-साथ चयनकर्ता भी उन्हें सफल होने का भरपूर मौका देने पर तुले हुए हैं। और ये दोनो बार-बार उन्हें गलत साबित कर रहे हैं। शायद अब पुराने को एक ब्रेक (विश्राम) की आवश्यकता है और अन्य विकल्पों पर गौर किए जाने का समय आ गया है।
हालांकि जब विराट कोहली से इन दोनों के भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह चयनकर्ताओं का काम है। लेकिन 2 नए खिलाड़ी आने वाले समय में पुराने की जगह ले सकते हैं।
श्रेयस अय्यर खेल सकते हैं अजिंक्य रहाणे की जगह
अजिंक्य रहाणे को उनकी तेज रन गति के लिए टेस्ट टीम में रखा गया था। अपने टेस्ट करियर की शुरुआत में वह टीम पर दबाव नहीं बनने देते थे। श्रेयस अय्यर भी उस ही कलेवर के खिलाड़ी है।भारतीय टीम को मध्यक्रम में ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत होगी जो स्वच्छंद बल्लेबाजी कर सकें और एक सत्र में काफी रन जुटा सकें।
कानपुर में न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक लगाकर अपने टेस्ट करियर की धुंआधार शुरुआतक करने वाले श्रेयस अय्यर पूरे दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर पवैलियन में बैठे रह गए।
2 टेस्ट में 50 की औसत से 202 रन बनाने वाले श्रेयस आने वाले टेस्ट मैचों में रहाणे की जगह ले सकते हैं। श्रीलंका और वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ घरेलू पिचों पर उन्हें टीम मौका देने में नहीं हिचकिचाएगी।
हनुमा विहारी खेल सकते हैं चेतेश्वर पुजारा की जगह
हनुमा विहारी वह काम कर सकते हैं जो चेतेश्वर पुजारा ने अपने करियर की शुरुआत में किया था। वह पिच पर टिक कर खेलना जानते हैं। उनकी बल्लेबाजी में वह ठहराव है जो टेस्ट क्रिकेट के लिए जरूरी है। विहारी डिफेंसिव खिलाड़ी हैं जो संयमित बल्लेबाजी कर तकनीकी मजबूती देते हैं जो टेस्ट क्रिकेट की जरूरत है। इससे वह पुजारा की जगह तीसरे स्थान के लिये अच्छे विकल्प हैं।
हनुमा विहारी ने दक्षिण अफ्रीका ए दौरे पर खासा प्रभावित किया था उन्होंने दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ तीन अर्धशतकीय पारियां खेली जिसमें क्रमश: 54, 72 नाबाद और 63 का स्कोर शामिल है।
लेकिन टीम इंडिया में उन्हें तब जगह मिली जब विराट कोहली चोटिल हुए। हनुमा विहारी ने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 20 और दूसरी पारी में नाबाद 40 रन बनाए।
13 टेस्ट मैचों के करियर में 4 अर्धशतक और 1 शतक की मदद से 34 की औसत से 684 रन बनाने वाले विहारी पुजारा की जगह निश्चित तौर से ले सकते हैं।
33 साल के पुराने को फॉर्म में लौटने के लिए ब्रेक होगा फायदेमंद
पुजारा और रहाणे दोनों 33 साल के हैं और शायद दोनों को देखना होगा कि वे बल्लेबाजी में कहां गलत हो रहे हैं। पेशेवर क्रिकेटरों के साथ समस्या यह है कि अगर श्रृंखला के बीच में तकनीकी समस्या आ जाये तो इसे ठीक करना मुश्किल है और वे इसे दूर करने के लिये अपने तरीके से काम करते हैं।
लेकिन राष्ट्रीय टीम से ब्रेक शायद उन्हें अपनी खामियों और मजबूत वापसी के लिये काफी समय दे सकता है।
अच्छा होता अगर रणजी ट्राफी को फिर से स्थगित नहीं किया जाता क्योंकि इससे उन्हें बेहतरीन मैच अभ्यास का मौका मिल सकता था जिससे वे अपनी गलतियों को सही कर पाते क्योंकि मैच के दौरान गलतियां सही करना हमेशा बेहतर विकल्प होता है।
अगर ऐसा नहीं होता तो वे इंग्लिश काउंटी में खेल सकते हैं, हालांकि दोनों को शुरूआती चरण में काउंटी में खेलने से ज्यादा मदद नहीं मिली। हालांकि इन दोनों के लिये ज्यादा मौका नहीं दिखता क्योंकि काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी खेलने के लिये इंतजार कर रहे हैं।