नई दिल्ली। सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का मानना है कि ईडन गार्डन्स में दूधिया रोशनी रोशनी में गुलाबी गेंद से अंगुली के स्पिनरों की तुलना में कलाई के स्पिनरों की गेंद को समझना अधिक मुश्किल होगा।
भारत अपना पहला बहुप्रतीक्षित दिन-रात्रि टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ ईडन गार्डन्स में शनिवार से खेलेगा और इसे लेकर काफी उत्सुकता है कि गुलाबी गेंद कैसा बर्ताव करेगी।
हरभजन ने कहा कि अगर आप देखोगे तो कलाई के स्पिनर फायदे की स्थिति में हैं क्योंकि गुलाबी गेंद में सीम को देखना (काले धागे के कारण) काफी मुश्किल होता है। भारत के पास कुलदीप यादव के रूप में कलाई के स्पिनर हैं, लेकिन हरभजन चयन मामलों पर बात नहीं करना चाहते।
हरभजन ने कहा कि यह टीम प्रबंधन का फैसला होगा और मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन इससे पहले बांग्लादेश को तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच पर भारतीय गेंदबाजों का सामना करना होगा।
उन्होंने कहा कि और साथ ही सभी को पता है कि कोलकाता में सूर्यास्त के समय साढ़े तीन से साढ़े चार के समय तेज गेंदबाज सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। लेकिन अगर हमें भविष्य में अधिक दिन-रात्रि के मैच खेलने हैं तो स्पिनरों को लेकर अधिक जानकारी जुटाने की जरूरत है। हरभजन ने याद दिलाया कि 2016 दलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद से कुलदीप कितने खतरनाक गेंदबाज बन गए थे।
उन्होंने कहा कि अगर आपको दलीप ट्रॉफी याद है तो कोई भी कलाई से कुलदीप की गेंद को प्रभावी तरीके से नहीं समझ पा रहा था। उस टूर्नामेंट में लेग स्पिनरों को काफी विकेट मिले थे। उन्होंने बताया कि आखिर कलाई के स्पिनर क्यों अधिक प्रभावी होंगे?
हरभजन ने बताया कि जब अंगुली का स्पिनर गेंदबाजी करता है तो गेंद सीम के साथ रिलीज की जाती है, जिससे कि टर्न और उछाल मिले। जब आप गुगली करते हो तो सीम को समझना मुश्किल हो जाता है।