सिडनी। भारतीय टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या का कहना है कि वह अभी गेंदबाजी करने के लिए जल्दबाजी नहीं करना चाहते। पांड्या ने पीठ की चोट की सर्जरी होने के बाद जब से मैदान में वापसी की है वह सिर्फ बल्लेबाजी कर रहे हैं और उन्होंने खुद को गेंदबाजी करने से दूर रखा हुआ है। पांड्या ने कहा, मैं लंबे लक्ष्य की तरफ देख रहा हूं जहां मैं महत्वपूर्ण मुकाबलों में अपना 100 फीसदी प्रदर्शन कर सकूंगा।
पांड्या के गेंदबाजी नहीं करने से भारत के पास गेंदबाजी विकल्प कम हो जाते हैं और उसे पहले वनडे में छठे गेंदबाज की कमी महसूस हुई जो कुछ ओवर डाल सके। टीम में रवींद्र जडेजा के रूप में एकमात्र ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं लेकिन उन्हें भी पांचवें गेंदबाज के रूप में टीम में शामिल किया गया है। टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मुकाबले में 66 रन से हार का सामना करना पड़ा था।
पांड्या ने मैच के बाद कहा, इसकी प्रक्रिया है। मैं लंबे लक्ष्य की तरफ देख रहा हूं जहां मैं महत्वपूर्ण मुकाबलों में अपना 100 फीसदी प्रदर्शन कर सकूंगा। विश्वकप और कई महत्वपूर्ण सीरीज होनी है। उन्होंने कहा, मैं छोटे लक्ष्य के बजाए लंबे लक्ष्य के बारे में सोच रहा हूं जहां मैं खुद को अच्छे से समझ सकूं और चोटिल होने से भी बच सकूं। इसलिए गेंदबाजी में वापसी करने की प्रकिया है जिसका मैं पालन कर रहा हूं।
पांड्या ने कहा, मैं नहीं बता सकता कि मैं कब गेंदबाजी कर सकूंगा लेकिन इसकी प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। नेट्स में मैं गेंदबाजी कर रहा हूं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह सिर्फ आत्मविश्वास और कौशल की बात है। पांड्या ने कहा, जब आप मैदान पर पांच गेंदबाजों के साथ उतरते हैं तो यह हमेशा दिक्कतभरा होता है। कई बार मैच में किसी गेंदबाज का दिन खराब रहता है तो टीम में एक पार्ट टाइम गेंदबाज की जरुरत होती है।
टीम को छठे गेंदबाज की जरुरत उस वक्त ज्यादा होती है जब पांच गेंदबाज बेहतर नहीं कर पाते हैं। मुझे लगता है कि हमें इस बारे में विचार की जरुरत है। हमें ऐसे खिलाड़ी की जरुरत है जो भारत के लिए खेल चुका है तथा उसके खेल को विकसित कर इस स्थान की भरपाई करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी मैच के बाद कहा था कि टीम में ऑलराउंडर विभाग में सुधार की जरुरत है और पांड्या के गेंदबाजी नहीं करने के कारण दिक्कतें आ रही हैं लेकिन हमें इस बात को स्वीकार कर इस बारे में विचार करने की जरुरत है।(वार्ता)