कोलकाता। क्रिकेटर मोहम्मद शमी के खिलाफ घरेलू हिंसा मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उनकी पत्नी हसीन जहां (Hasin Jahan) ने कहा है कि मैं देश की न्यायपालिका की शुक्रगुजार हूं। मैं पिछले एक साल से न्याय के लिए संघर्ष कर रही हूं। हसीन जहां ने कहा कि अगर मैं पश्चिम बंगाल में नहीं होती और ममता बनर्जी हमारी सीएम नहीं होती तो मैं यहां सुरक्षित रूप से नहीं रह पाती।
हसीन जहां ने कहा कि अमरोहा (उत्तरप्रदेश) पुलिस ने मुझे और मेरी बेटी को खूब परेशान करने की कोशिश की थी, भगवान की कृपा थी कि वे अपने गलत इरादों में सफल नहीं हुए।
सोमवार को टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के नाम अलीपुर की अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। मोहम्मद शमी के खिलाफ 2018 में उनकी पत्नी हसीन जहां ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। इसी के संदर्भ में शमी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
शमी इस समय वेस्टइंडीज दौरे पर हैं। अदालत ने मोहम्मद शमी को 15 दिन के अंदर सरेंडर करने का भी समय दिया है। मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां ने कहा है कि वे इसके लिए कानून की आभारी हैं।
हसीन जहां ने मोहम्मद शमी के नाम गिरफ्तारी वारंट निकलने के बाद कहा है कि मैं न्याय व्यवस्था की आभारी हूं। मैं एक साल से ज्यादा समय से न्याय के लिए लड़ाई लड़ रही हूं। आप सब जानते हैं कि शमी सोच रहा है कि वह बड़ा क्रिकेटर है तो बहुत ताकतवर है। ऐसा नहीं है। अदालत ने शमी को 15 दिन की मोहलत भी दी है।
पूरे मामले पर क्या बोला बीसीसीआई : इस पूरे मामले पर बीसीसीआई (BCCI) ने कहा कि हमें स्थिति की जानकारी है और सबसे पहले हम शमी के वकील से बात करेंगे। हम इस मामले में पूरा अपडेट चाहते हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने चौथे दिन के खेल की शुरुआत से पहले शमी से बात की। हमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
बीसीसीआई ने फिक्सिंग के आरोपों से दी थी क्लीन चिट : बीसीसीआई ने 2018 में ही मोहम्मद शमी को मैच फिक्सिंग के आरोपों से बरी करते हुए क्लीन चिट दी थी। हसीन जहां ने आरोप लगाया था कि शमी मैच फिक्सिंग में शामिल हैं। बीसीसीआई ने शमी को राहत देते हुए 'बी' श्रेणी के लिए अनुबंधित किया था, जिसमें उन्हें 3 करोड़ रुपए सालाना मिलेंगे।