क्रिकेट में जो सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है वह है हैलमेट। बल्लेबाज के लिए इसे सबसे पहले उपलब्ध कराया गया। इसके बाद विकेटकीपर के लिए खासकर जब सामने स्पिन गेंदबाज हो। इसके बाद फॉर्वड शॉर्ट लेग के फील्डर के लिए। टेस्ट मैचों में तो बल्लेबाजों को घेरे हुए फील्डर हैलमेट पहने ही दिखाई देते हैं।
अब जल्द ही मैदान पर गेंदबाज भी हैलमेट पहनकर गेंदबाजी करते हुए दिख सकते हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस पर काफी गंभीरता से विचार कर रही है और क्रिकेट न्यूजीलैंड ने तो इसका प्रयोग घरेलू मैचों में करना शुरु भी कर दिया है।
यह हैलमेट वैसा हैलमेट नहीं है जैसा बल्लेबाज पहनता है। इसका वजन काफी कम है। क्योंकि गेंदबाज खासकर तेज गेंदबाज को रन अप लेकर गेंद डालनी पड़ती है।गेंदबाजों के सिर पर चोट लगना अब लगातार आम हो रहा है, इसलिए क्रिकेट बोर्ड इस पर विचार कर रहे हैं।
भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दूसरे अभ्यास मैच में पारी के 45 ओवर में कैमरून ग्रीन की एक गेंद को बुमराह ने सीधा खेल दिया। गेंद ग्रीन के सर पर टकराई और वह गिर गए। अगर चोट ज्यादा गंभीर होती तो उन्हें अपने टेस्ट पदार्पण के लिए इंतजार करना पड़ता। ऐसा ही एक वाक्या न्यूजीलैंड में देखा गया था।
तेज गेंदबाजों की मानें तो 22 यार्ड की पिच 15-16 की ही हो जाती है जब वह गेंद डिलिवर करते हैं। ऐसे में उनको चोट लगने की सबसे ज्यादा संभावना है क्योंकिं अगर बल्लेबाज सीधे बल्ले से शॉट खेलता है तो उनके लिए रिएक्शन टाइम भी न के बराबर हो जाता है।
गौरतलब है कि मॉडर्न डे क्रिकेट में चौको और छक्कों का प्रतिशत काफी बढ़ गया है । ऐसे में अंपायर तक के पास में (टी-20) में हैलमेट पहनने की अनुमति है। साथ ही हाथ में एक यंत्र रहता है जिससे वह खुद को तेज शॉट से बचा सकें । लेकिन गेंदबाज के पास ऐसा कुछ नहीं होता।
अगर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गेंदबाजों के लिए हैलमेट लागू हो गया तो यह सुरक्षा के नजरिए से बहुत अच्छा कदम होगा। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि बल्लेबाज कैसे अपनी एकाग्रता स्थापित कर पाता है। (वेबदुनिया डेस्क)