नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने वैश्विक संस्था के लिए नए संविधान को मंजूरी दे दी है, जो क्रिकेट प्रशासन में व्यापक और आधारभूत ढांचे के बदलाव की नींव रखेगा।
आईसीसी ने गुरुवार को लंदन में हुई अपनी सालाना बैठक में यह निर्णय लिया। इससे पहले अप्रैल में कई चरण की बैठकों के बाद वैश्विक संस्था के संचालन में व्यापक बदलावों के लिए बोर्ड ने नए संविधान के लिए 8-2 से वोट देकर उस पर सहमति दी थी।
नए संविधान के तहत अब केवल दो तरह की सदस्यता होगी पूर्णकालिक और एसोसिएट। आईसीसी बोर्ड में स्वायत्त महिला निदेशक की नियुक्ति, आईसीसी बोर्ड में सदस्यों के मतों की संख्या अब 17 होगी, जिसमें 12 पूर्णकालिक सदस्यों के साथ तीन एसोसिएट, एक स्वायत्त महिला निदेशक और चेयरमैन शामिल हैं।
आईसीसी में उपाध्यक्ष के नए पद को बनाना भी शामिल है, जो अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उनकी जगह संभालेगा तथा सभी सदस्यों की स्थिति पर नजर रखने के लिए सदस्यों की समिति बनाना शामिल है।
गौरतलब है कि अप्रैल में नए ढांचागत बदलाव के लिए हुई बैठक में केवल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) ने ही विरोध जताया था।
हालांकि इन बोर्डों और आईसीसी के बीच समझौते के प्रयास किए जा रहे थे। समझा जाता है कि इन मसलों के हल होने के बाद ही वैश्विक संस्था ने नए संविधान को अपनी हरी झंडी दे दी है। आईसीसी ने अपनी सालाना बैठक के समाप्त होने के बाद जारी बयान में कहा कि आईसीसी ने अफगानिस्तान और आयरलैंड को पूर्णकालिक सदस्यों का दर्जा देने का एकमत फैसला नए संविधान के तहत नए सदस्यता मसौदे के तहत स्वीकार करने के बाद लिया गया है। (वार्ता)