टी-20 विश्वकप 1 महीना दूर, भारत के लिए मध्य ओवरों की बल्लेबाजी बनी नासूर
बीच के ओवरों में धीमी बल्लेबाजी चिंता का विषय
नई दिल्ली: अगले महीने 16 अक्टूबर से शुरू होने वाले आईसीसी टी20 विश्व कप से पूर्व भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की एशिया कप को लेकर हुई समीक्षा बैठक में सात से लेकर 15 ओवर के बीच भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर चिंता जताई गई।
भारत विश्व कप में अपना पहला मैच 23 अक्टूबर को अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ मेलबर्न में खेलेगा।पहला ही मैच भारत के लिए दबाव वाला मैच रहेगा खासकर जिस तरह का प्रदर्शन भारत का हालिया एशिया कप में रहा है। ठीक 1 साल पहले पाकिस्तान ने भारत को 24 अक्टूबर को दुबई में 10 विकेटों से मात दी थी।
बीसीसीआई ने सोमवार को विश्व कप तथा 20 सितंबर से ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले छह टी20 मैचों के लिए टीम घोषित की थी। टीम चयन के अलावा हालांकि बैठक में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह तथा राष्ट्रीय चयन समिति ने एशिया कप के दौरान राष्ट्रीय टीम के खराब प्रदर्शन पर भी चर्चा की थी।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, हां, एशिया कप के प्रदर्शन पर चर्चा की गई। निश्चित तौर पर समस्याओं की बजाए समाधान पर ध्यान दिया गया तथा इस पर चर्चा हुई कि टी20 विश्व कप के दौरान किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है।सभी ने इस पर सहमति जताई की बेहतर टीमों के खिलाफ भारत का बीच के ओवरों में अपनाया गया रवैया चिंता का विषय है और एशिया कप में इससे टीम को नुकसान हुआ।
अधिकारी ने कहा, बीच के ओवरों में बल्लेबाजी एक मुद्दा था विशेषकर सातवें से लेकर 15 ओवर के बीच बल्लेबाजी जिसमें एशिया कप में हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। टीम थिंक टैंक इससे अवगत है और हमारे पास कुछ विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं जो टीम की जरूरतों के अनुसार अपना खेल बदल सकते हैं।
7 से लेकर 15वें ओवर तक की बल्लेबाजी रही है बेहद धीमी
यदि सातवें से लेकर 15वें ओवर के बीच भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर गौर करें तो पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में उन्होंने नौ ओवरों में 59 रन बनाए और तीन विकेट गंवाए।
यहां तक कि हांगकांग के खिलाफ भी इन ओवरों में केवल 62 रन बने जबकि पाकिस्तान के खिलाफ सुपर चार के मैच में भी इन ओवरों में 62 रन बनाए गए और इस बीच भारत ने एक विकेट खोया।इन नौ ओवरों में भारत ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ किया। तब उसने इन ओवरों में 78 रन बनाए थे।
हालांकि इस ही दौरान रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव का विकेट गिरा और अंतिम ओवरों में भारत श्रीलंका को 180 का स्कोर नहीं दे पाया। अंत में भारत यह मैच हारकर एशिया कप से आधिकारिक रूप से बाहर हो गया था।
चयन समिति की बैठक से पहले चर्चा थी कि ऋषभ पंत की जगह संजू सैमसन को 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया जा सकता है लेकिन उनके नाम पर चर्चा तक नहीं की गई।
बीसीसीआई सूत्रों ने कहा, संजू दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में खेलेगा क्योंकि चयनकर्ता जिंबाब्वे दौरे के बाद निरंतरता बनाए रखना चाहेंगे। इसके अलावा पंत को बाहर करने पर चर्चा नहीं हुई। वह शीर्ष क्रम में बाएं हाथ का एकमात्र बल्लेबाज है और जब उसका बल्ला चलता है तो वह अपने दम पर मैच जीत सकता है।
टी-20 विश्वकप में भी यह चुनौती रहेगी
एशिया कप में इस प्रदर्शन के कारण भारतीय बल्लेबाजी की कलई खुल गई है। ऑस्ट्रेलिया में भी बीच के ओवरों में भारत को बेहतरीन टीमों के स्पिन या फिर मध्यम गति के तेज गेंदबाजों से पार पाना होगा। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया की पिचें तेज होती है। स्विंग लेते और लंबे मैदान होने के कारण टीम बाउंड्री कम निकाल पाती है। ऐसे में टीम मैनेजमेंट को सोचना होगा कि इस समस्या से कैसे निजात पाएं।