एक बेहद ही एकतरफा मैच में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात को 122 रनों से रौंद डाला है। आईसीसी के पहले ऐसे टूर्नामेंट में भारत की यह लगातार दूसरी जीत है। इससे पहले भारत ने मेजबान दक्षिण अफ्रीका को 7 विकेटों से अपने पहले मैच में हराया था। इस जीत से भारत के आगे जाने का रास्ता खुल गया है हालांकि उसे अभी अंतिम लीग मैच स्कॉटलैंड के खिलाफ 18 जनवरी को खेलना है।
संयुक्त अरब अमीरात की कप्तान तीर्थ सतीश जो खुद भारतीय मूल की है उन्होंने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। यह फैसला खासा गलत साबित हुआ क्योंकि भारतीय बल्लेबाजों ने संयुक्त अरब अमीरात के गेंदबाजों पर खूब रन बटोरे। 34 गेंदो में कप्तान शेफाली वर्मा ने 78 रन बनाए। वहीं श्वेता शेरावत ने 49 गेंदो में 74 रन और विकेटकीपर ऋचा घोष ने 29 गेंदो में 49 रन बनाए। 3 विकेट के नुकसान पर भारत ने 219 रन बनाए।
इसके जवाब में संयुक्त अरब अमीरात की टीम पूरे 20 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 97 रन बना सकी और यह मैच भारत 122 रनों से जीत गया।
विलोमूरे पार्क मैदान पर भारतीय लड़कियों ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में तीन विकेट खोकर 219 रन बनाये जिसके जवाब में यूएई की टीम 20 ओवर के खेल में पांच विकेट पर 97 रन ही बना सकी। शानदार बल्लेबाजी की बदौलत टीम को बड़े स्कोर पर ले जाने का प्लेटफार्म तैयार करने के बाद गेंदबाजी में भी दो ओवर में महज सात रन खर्च करने वाली शेफाली को प्लेयर आफ द के खिताब से नवाजा गया।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेन्द्र सहवाग का महिला संस्करण कही जाने वाली शेफाली ने अपनी ख्याति के अनुरूप महज 34 गेंदों में 229.41 के स्ट्राइक रेट से 78 रन ठोक दिये। उनकी संक्षिप्त पारी में 12 चौके और चार छक्के शामिल थे। शेफाली का तूफान शांत होने के बाद भी श्वेता ने दूसरे छोर पर यूएई की गेंदबाजों की पिटाई जारी रखी, मगर उनको आउट करने का अस्त्र पारी के अंत तक यूएई की टीम के पास मौजूद नहीं था। श्वेता ने 49 गेंदों मे से 10 को सीमा रेखा के पार पहुंचाया। इन दोनों के अलावा विकेटकीपर बल्लेबाज रिचा घोष (49) की विस्फोटक पारी ने भारत को बड़े स्कोर पर ले जाने में महती योगदान दिया।
बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी यूएई की टीम शुरू से ही असहज दिखायी दी और बड़े शाट खेलने के एवज में नियमित अंतराल में उनके विकेट गिरते चले गये। लावण्या केनी (24) और महिका गौर (26) के अलावा कप्तान तीर्थ सतीश (16) ही अपने निजी स्कोर को दहाई तक ले जाने में सफल रहीं।