Asia Cup एशिया कप को लेकर महीनों से चली आ रही अनिश्चितता की स्थिति को खत्म करते हुए एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि टूर्नामेंट 31 अगस्त से 17 सितंबर तक हाइब्रिड मॉडल पर खेला जायेगा जिसमें चार मैच पाकिस्तान में और नौ श्रीलंका में होंगे।इस एक दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर गतिरोध पिछले सप्ताह समाप्त हुआ जब जय शाह की अगुवाई वाले एसीसी ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दी।
बीसीसीआई ने साफ तौर पर कहा था कि दोनों देशों के बीच जारी राजनीतिक तनाव कारण वह अपनी टीम पाकिस्तान नहीं भेजेगा।एसीसी ने एक बयान में कहा , हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 2023 एशिया कप 31 अगस्त से 17 सितंबर तक खेला जायेगा जिसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमें भाग लेंगी।
इसमें कहा गया , टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल पर खेला जायेगा जिसमें चार मैच पाकिस्तान में और बाकी नौ श्रीलंका में खेले जायेंगे।इस सत्र में दो समूहों में टीमों को बांटा जायेगा और हर समूह से शीर्ष दो टीमें सुपर चार चरण में पहुंचेंगी । सुपर चार चरण की शीर्ष दो टीमें फाइनल खेलेंगे।
पाकिस्तान में मैच लाहौर में होंगे जबकि श्रीलंका में कैंडी और पल्लेकेले में मैच होंगे।एशिया कप के कार्यक्रम को मंजूरी मिलने के साथ ही अक्टूबर नवंबर में वनडे विश्व कप में पाकिस्तान टीम का भारत आना भी तय हो गया। दोनों टीमें अहमदाबाद में 15 अक्टूबर को लीग चरण में खेल सकती हैं।समझा जाता है कि आईसीसी के सीईओ ज्यौफ अलार्डिस और चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने पिछले महीने कराची में पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी से मुलाकात की जिसके बाद यह तय किया गया कि पाकिस्तान विश्व कप में भाग लेने के लिये कोई शर्त नहीं रखेगा अगर उसे एशिया कप के चार मैच अपने देश में कराने दिये जायें चूंकि मेजबानी अधिकार उसके पास है।
पाकिस्तान के बिना टूर्नामेंट खेलने से प्रसारक एसीसी को आधा ही पैसा देते क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच दो मैच तो तय थे और फाइनल में पहुंचने पर तीसरा भी हो जाता।पीसीबी अध्यक्ष नजम सेठी ने कहा , मुझे खुशी है कि हाइब्रिड मॉडल का हमारा प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। इसके मायने हैं कि पीसीबी टूर्नामेंट का मेजबान रहेगा और पाकिस्तान में मैच होंगे। तटस्थ मैच श्रीलंका में होगे क्योंकि भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं आ सकती।उन्होंने कहा , हमारे क्रिकेटप्रेमियों को खुशी होती अगर भारतीय टीम 15 साल बाद पाकिस्तान आती लेकिन हम बीसीसीआई की स्थिति समझते हैं। पीसीबी की तरह बीसीसीआई को भी सरकार से मंजूरी लेनी होती है। (भाषा)