भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के पहले मैच में शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) से कम गेंदबाजी कराने के कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) के फैसले का बचाव किया लेकिन दो जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में उनके चयन को सही ठहराना मुश्किल होगा। दिसंबर 2023 के बाद से अपना पहला टेस्ट खेल रहे शार्दुल का तेज गेंदबाजी में अच्छा उपयोग नहीं हुआ और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भी टीम को निराश किया। उन्होंने दो पारियों में 20 गेंदों पर कुल पांच रन बनाए।
शार्दुल ने मैच की पहली पारी में सिर्फ छह ओवर और दूसरी पारी में 10 ओवर गेंदबाजी की। ऐसे में विशेषज्ञ गेंदबाज की जगह उन्हें तरजीह देने पर सवाल उठ रहे हैं।
शार्दुल ने मैच के पांचवें दिन हालांकि लगातार दो विकेट लेकर भारत की जीत की उम्मीदें जगा दी थी लेकिन उनकी गेंदबाजी में धार और पैनापन नहीं था। उन्होंने और प्रसिद्ध कृष्णा (Prasidh Krishna) ने बहुत सारी कमजोर गेंदें फेंकी, जिससे इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना।
भारत को इस पांच दिवसीय मैच में ज्यादातर समय तक दबदबा बनाये रखने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बावजूद टीम को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। एजबेस्टन टेस्ट के लिए हालांकि अंतिम एकादश में कुछ बदलाव तय हैं।
विशेषज्ञों ने श्रृंखला के पहले मैच में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को शामिल करने की मांग की थी और अब बर्मिंघम में स्पिनरों की मदद करने वाली पिच पर शार्दुल की जगह उन्हें शामिल किए जाने की संभावना है।
पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने पीटीआई से कहा, कुलदीप को टीम में होना चाहिए। चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलने का कोई मतलब नहीं है। शार्दुल या प्रसिद्ध में से कोई भी उनके लिए जगह बना सकता है।
इंग्लैंड में टीमें अकसर चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान पर उतरते रहीं हैं लेकिन मौजूदा समय में शुष्क मौसम को देखते हुए कुलदीप और रविंद्र जडेजा दोनों अंतिम एकादश में जगह बना सकते हैं।
जडेजा की गेंदबाजी पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि वह स्पिनरों की मददगार पांचवें दिन की पिच पर ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ सके।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने जियोस्टार से कहा, कुलदीप यादव को वापस आना होगा। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है, लेकिन शार्दुल ठाकुर को बाहर जाना होगा।
उन्होंने कहा, यह एक बदलाव है जो भारत को करना होगा। जहां तक नीतीश कुमार रेड्डी का सवाल है तो मैंने पहले टेस्ट के लिए उनका समर्थन इस आधार पर किया था कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन किया था।
मांजरेकर ने कहा, लेकिन वह पर्याप्त विकल्प प्रदान नहीं करता है। वह टीम में चौथे तेज गेंदबाज की भूमिका में पूरी तरह से खरा नहीं उतर पाएगा इसलिए भारतीय टीम प्रबंधन को कड़ा फैसला लेना होगा। हमें यहां की परिस्थितियों में अपने सर्वश्रेष्ठ आक्रमण के साथ करना होगा और इसके लिए मैं एक तेज गेंदबाज कम रखूंगा और कुलदीप को अंतिम एकादश में शामिल करूंगा। उसे खेलना ही होगा।
हेडिंग्ले में इंग्लैंड के 371 रन के रिकार्ड लक्ष्य का पीछा करने के बाद गंभीर से शार्दुल के कम उपयोग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस मामले में कप्तान (शुभमन गिल) का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, कप्तान कभी-कभी अपनी अंतरात्मा की सोच के अनुसार काम करता है और जडेजा ने पहली पारी में हमें नियंत्रण ( रन गति को कम कर) दिया था। इससे हम दूसरे छोर पर अपने तीन तेज गेंदबाजों से गेंदबाजी करा सकते थे।
उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि शार्दुल का कौशल क्या है और इसलिए वह भारत के लिए खेल रहे हैं। वह चौथे तेज गेंदबाज हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें स्पिनर से पहले गेंदबाजी का मौका दिया जाना चाहिए। एक कप्तान अपनी सोच के अनुसार फैसले लेता है और यह फैसला काफी हद तक पिच की स्थिति पर आधारित होता है।
गेंदबाजी विभाग में किसी और बदलाव की संभावना कम है क्योकि पहले और दूसरे टेस्ट मैच के बीच एक सप्ताह का अंतराल है और ऐसे में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के अंतिम एकादश में बने रहने की उम्मीद है।
टेस्ट में पदार्पण का इंतजार कर रहे बायें हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) के फिर से बाहर बैठने की संभावना है क्योंकि टीम प्रबंधन प्रसिद्ध को और मौका देना चाहेगा।
मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) को पहले टेस्ट में ज्यादा विकेट नहीं मिले लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया।
जडेजा पहली पारी में रन गति को नियंत्रित करने में सफल रहे लेकिन विकेट नहीं निकाल सके लेकिन गेंदबाजी के अलावा उनके पास किसी भी परिस्थिति में बल्ले से प्रभावी योगदान देने की क्षमता है। (भाषा)