कप्तान रोहित शर्मा और रविंद्र जडेजा ने गुरुवार को यहां शतक जड़कर न सिर्फ टीम को शुरुआती झटकों से उबारा बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच का पहला दिन भी भारत के नाम किया।
भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक पांच विकेट पर 326 रन बनाए हैं। रोहित (131) और जडेजा (नाबाद 110) ने चौथे विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी की। यह भारत की तरफ से इंग्लैंड के खिलाफ चौथे विकेट के लिए तीसरी बड़ी साझेदारी है।
इन दोनों के अलावा अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे सरफराज खान ने 66 गेंद पर 62 रन की मनोरंजक पारी खेली। स्टंप उखड़ने के समय जडेजा के साथ नाइट वॉचमैन कुलदीप यादव एक रन पर खेल रहे थे।
रोहित और जडेजा ने तब मोर्चा संभाला जब भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 33 रन पर अपने तीन युवा बल्लेबाजों यशस्वी जायसवाल (10), शुभमन गिल (00) और रजत पाटीदार (05) के विकेट गंवा दिए थे। इंग्लैंड की तरफ से तेज गेंदबाज मार्क वुड सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने अब तक 69 रन देकर तीन विकेट लिए हैं।
रोहित और जडेजा ने सहजता से रन बटोरे। उन्हें निरंजन शाह स्टेडियम की बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच पर किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। इन दोनों बल्लेबाजों ने एकाग्रता और आक्रामकता का अच्छा नमूना पेश किया तथा ढीली गेंदों को सबक सिखाने में कोताही नहीं बरती।
वुड को हालांकि सुबह के सत्र में थोड़ा मूवमेंट मिल रहा था लेकिन बाद में इस तेज गेंदबाज ने शॉर्ट पिच गेंदों से भारतीय बल्लेबाजों की परीक्षा ली। रोहित ने लेग स्पिनर रेहान अहमद की गेंद पर दो रन लेकर अपना 11वां टेस्ट शतक पूरा किया जो सलामी बल्लेबाज के रूप में इंग्लैंड के खिलाफ उनका तीसरा शतक है।
रोहित ने इसके बाद विशेषकर रेहान को निशाने पर रखा लेकिन वुड ने शॉर्ट पिच गेंद करना जारी रखा। रोहित का धैर्य आखिर में जवाब दे गया और इस तेज गेंदबाज की एक और शॉर्ट पिच गेंद को सबक सिखाने के प्रयास में मिड विकेट पर बेन स्टोक्स को कैच दे बैठे। उन्होंने अपनी पारी में 196 गेंद का सामना करके 14 चौके और तीन छक्के लगाए।
अपने घरेलू और पसंदीदा मैदान पर खेल रहे जडेजा ने शतक के करीब पहुंचने के बाद धीमी बल्लेबाजी की। उन्होंने 198 गेंद का सामना करके अपने टेस्ट करियर का चौथा शतक पूरा किया। इस ऑल राउंडर ने लेग साइड में रन बटोरे तथा विकेटों के बीच उनकी दौड़ शानदार रही। उन्होंने अपनी कलाई का अच्छा इस्तेमाल करके रन बटोरे। जडेजा ने अब तक 212 गेंद का सामना करके नौ चौके और दो छक्के लगाए हैं।
सरफराज को देखकर किसी भी समय नहीं लगा कि वह अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे हैं। उन्होंने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की तथा मैदान के चारों तरफ शॉट जमाकर विविधतापूर्ण स्ट्रोक लगाने के अपने कौशल का शानदार नमूना पेश किया। उन्होंने चौकों की झड़ी लगाई और इस बीच बाएं हाथ के स्पिनर टॉम हार्टली की गेंद छक्के के लिए भेजी और केवल 48 गेंद पर अर्धशतक पूरा किया।
जब लग रहा था कि सरफराज बड़ी पारी खेलने में सफल रहेंगे तब जडेजा के साथ गफलत के कारण उन्हें रन आउट होकर पवेलियन लौटना पड़ा। उन्होंने 66 गेंद की अपनी पारी में 9 चौके और एक छक्का लगाया।
भारत की शुरुआत हालांकि अच्छी नहीं रही थी जबकि वुड ने सुबह के सत्र में दो और हार्टली ने एक विकेट लेकर इंग्लैंड को अच्छी शुरुआत दिलाई।
वुड की गति और पिच से मिल रहे मूवमेंट के कारण भारत को शुरू में कुछ करारे झटके सहने पड़े। पहले दो मैच में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज जायसवाल यहां कुछ खास योगदान नहीं दे पाए तथा वुड की उछाल लेती गेंद पर स्लिप में कैच देकर पवेलियन लौटे।
विशाखापत्तनम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में शतक बनाकर फॉर्म में वापसी करने वाले गिल को वुड ने यहां खाता भी नहीं खोलने दिया। उन्होंने विकेटकीपर बेन फॉक्स को आसान कैच दिया। गिल की पारी केवल नौ गेंद तक सीमित रही।
भारत का स्कोर तब तीन विकेट पर 33 रन हो गया जब नंबर चार पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरे पाटीदार ने हार्टली की गेंद पर शॉर्ट कवर पर खड़े बेन डकेट को आसान कैच दिया।
पिछले दो मैच में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले रोहित का भाग्य ने भी साथ दिया। जेम्स एंडरसन की गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट दे दिया गया था लेकिन डीआरएस से पता चला की गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर पैड पर टकराई थी।