मुंबई। भारतीय कप्तान विराट कोहली की पिछले दो मैचों में शतकीय पारियां भी जीत नहीं दिला सकी हैं और उनका मानना है कि वेस्टइंडीज़ के खिलाफ सोमवार को होने वाले चौथे वनडे में जीत दर्ज करने और सीरीज़ में बढ़त बनाने के लिये टीम को अपनी योजनाओं को मैदान पर ठीक से लागू करना होगा।
भारत और विंडीज के बीच मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में चौथा वनडे दिन-रात्रि प्रारूप में सोमवार को खेला जाना है, जहां मेहमान टीम के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में घरेलू टीम के लिए बढ़त बनाना एक चुनौती होगा। विंडीज के खिलाफ दूसरा वनडे टाई रहा था तो पुणे में तीसरे वन-डे में भारत को 43 रन से शिकस्त झेलनी पड़ी थी जिससे अब दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर पहुंच गई हैं।
घरेलू टीम पिछले दोनों मैचों में जीत से तब वंचित रही जब विराट ने दूसरे वन-डे में नाबाद 157 और पिछले मैच में 107 रन की शतकीय पारियां खेलीं लेकिन अकेले दम पर वे टीम को जीत नहीं दिला सके। पुणे मैच के बाद विराट ने माना कि न तो उन्हें दूसरे छोर से कोई मदद मिली जिससे कोई बड़ी साझेदारी नहीं हो सकी और न ही टीम सभी योजनाओं को मैदान पर लागू कर सकी।
भारतीय टीम 284 रन के लक्ष्य के सामने 240 पर सिमट गई थी। मैच में 35वें ओवर तक टीम की गेंदबाज़ी ठीक थी, लेकिन आखिरी 10 ओवरों में गेंदबाओं ने अधिक रन दिए जबकि बल्लेबाज़ों खासकर मध्यक्रम ने निराश किया। खुद विराट ने भी इस बात पर चिंता जताई है।
भारतीय टीम के गेंदबाजी विभाग में दो बदलाव करते हुए भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को शेष तीन वन-डे के लिए टीम में शामिल किया गया था और इसका नतीजा भी दिखाई दिया। बुमराह 10 ओवर में 3.50 के औसत से 35 रन देकर चार विकेट लेकर सबसे सफल रहे थे, लेकिन तेज गेंदबाज़ भुवी 70 रन पर एक विकेट लेकर सबसे महंगे साबित हुए जबकि कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने दो विकेट लिए थे।
बुमराह को डेथ ओवरों में प्रभावशाली माना जाता है लेकिन अगले महत्वपूर्ण मैच में टीम को आखिरी ओवरों में महंगी गेंदबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ा था और भारतीय कप्तान ने भी माना कि आखिरी 10 ओवरों में गेंदबाज़ों ने काफी रन लुटाए। पिछले दो निराशाजनक परिणामों से साफ है कि मुंबई में टीम इंडिया में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
विराट ने संकेत दिए हैं कि अगले मैच में केदार जाधव को मौका दिया जाएगा जिससे उन्हें बेहतर परिणाम की उम्मीद है वहीं उन्होंने हार्दिक पांड्या की कमी का भी संकेत देते हुए कहा था कि उनकी मौजूदगी से टीम के पास एक अतिरिक्त गेंदबाज़ी विकल्प रहता है। टीम के पास छ: गेंदबाज़ी विकल्प हैं जिसमें से पांच को चुना जाएगा ऐसे में मध्यम तेज गेंदबाज खलील अहमद और उमेश यादव में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ सकता है जबकि बुमराह, भुवी, चहल और कुलदीप पर अगले मैच में और बेहतर प्रदर्शन का दबाव रहेगा।
बल्लेबाजी क्रम में आखिरी दो मैचों में केदार की वापसी से टीम में संतुलन की उम्मीद है लेकिन शिखर धवन के निराशाजनक प्रदर्शन ने परेशानी पैदा कर दी है जिन्होंने पिछले तीन मैचों में 35, 29, 4 रन ही बनाए हैं, वहीं टेस्ट में धमाकेदार पदार्पण करने वाले युवा बल्लेबाज़ ऋषभ पंत और महेंद्रसिंह धोनी मध्यक्रम में खास योगदान नहीं दे सके हैं। धोनी पिछले मैच में 7 रन बना पाए थे।
स्टार बल्लेबाज और कप्तान विराट अभी तक शीर्ष स्कोरर हैं और रनों के लिए उन पर निर्भरता साफ दिखाई दे रही है। पिछले दो मैचों में उनके शतक बेकार रहे हैं। पुणे में विराट को छोड़कर अन्य कोई बल्लेबाज़ अर्द्धशतक तक भी नहीं पहुंच सका था। ऐसे में बल्लेबाज़ी क्रम में व्यापक सुधार की जरूरत है।
दूसरी ओर बराबरी हासिल करने के बाद वेस्टइंडीज़ के हौंसले बुलंद हुए हैं, जो ब्रेबोर्न स्टेडियम में बढ़त हासिल करना चाहेगी। विकेटकीपर शाई होप अच्छी लय में हैं जिन्होंने पिछले दो मैचों में नाबाद 123 और 95 रन की पारियां खेली हैं जबकि मध्यक्रम में शिमरोन हेत्माएर, कप्तान जेसन होल्डर तथा निचले क्रम पर एश्ले नर्स अच्छे स्कोरर हैं। गेंदबाजी में केमर रोच, होल्डर, नर्स और मार्लोन सैम्युअल्स भारतीय बल्लेबाजों को फिर से परेशान कर सकते हैं। सैम्युअल्स ने पुणे में केवल 12 रन पर भारत के तीन महत्वपूर्ण विकेट निकाले थे।