हरारे। यार्कर मैन जसप्रीत बुमराह (22 रन पर चार विकेट) के एक और घातक प्रदर्शन तथा ओपनरों लोकेश राहुल (नाबाद 63) और फैज फजल (नाबाद 55) के शानदार अर्धशतकों से धोनी की युवा सेना ने जिम्बाब्वे को तीसरे और आखिरी वन-डे में बुधवार को 10 विकेट से रौंदकर सीरीज में 3-0 से क्लीन स्वीप कर ली।
भारतीय गेंदबाजों ने हरारे स्पोर्ट्स क्लब में एक और तूफानी प्रदर्शन करते हुए मेजबान टीम को 42.2 ओवर में 123 रन पर निपटा दिया। भारत ने यह आसान लक्ष्य 21.5 ओवर में बिना किसी विकेट के नुकसान पर 126 रन बनाकर हासिल कर लिया।
भारत ने इस तरह तीन मैचों की सीरीज में मेजबान टीम का सफाया कर दिया। भारत ने पहला वन-डे नौ विकेट से और दूसरा वन-डे आठ विकेट से जीता था। धोनी के युवा तुर्कों ने सीरीज में लगातार शानदार प्रदर्शन किया और मेजबान टीम को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। भारत ने इस तरह जिम्बाब्वे में वन-डे सीरीज जीतने की हैट्रिक बना ली। इससे पहले 2015 में अजिंक्या रहाणे की कप्तानी में भारत ने जिम्बाब्वे को 3-0 से और 2013 में विराट कोहली की कप्तानी में जिम्बाब्वे को 5-0 से हराया था।
भारत ने इस मैच में करुण नायर को विश्राम देकर फैज फजल को अपना पदार्पण करने का मौका दिया। फैज फजल ने इस मौके का पूरा फायदा उठाते हुए पदार्पण मैच में अर्धशतक बनाने की उपलब्धि हासिल कर ली। लोकेश राहुल ने सीरीज में अपना दूसरा 50 प्लस का स्कोर बनाया। उन्होंने पहले वन-डे में पदार्पण मैच में शतक बनाने वाला पहला भारतीय होने का कीर्तिमान बनाया था।
दोनों बल्लेबाजों ने शानदार ओपनिंग शतकीय साझेदारी की जिसकी बदौलत भारत ने 21.5 ओवर में मैच निपटा दिया। राहुल ने 70 गेंदों पर नाबाद 63 रन में चार चौके और दो छक्के लगाए जबकि फजल ने 61 गेंदों पर नाबाद 55 रन में सात चौके और एक छक्का लगाया। फजल ने भारत के लिए विजयी चौका मारा।
इस सीरीज का दिलचस्प आंकड़ा यह रहा कि जिम्बाब्वे ने तीन मैचों में 30 विकेट खोकर कुल 417 रन बनाये तो दूसरी तरफ भारत ने तीन मैचों में मात्र तीन विकेट खोकर 428 रन ठोक डाले। इससे पहले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की खतरनाक गेंदबाजी के सामने जिम्बाब्वे की पूरी टीम को ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और 123 रन पर ढेर हो गई। भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी लगातार तीसरी बार टॉस जीतने से चूक गए और जिम्बाब्वे ने पहले बल्लेबाजी का निर्णय किया।
मेजबान टीम टॉस जीतने का कोई फायदा नहीं उठा सकी और वे लगातार तीसरे मैच में भी भारत के सामने पूरे 50 ओवर खेलने का जज्बा नहीं दिखा सकी। जिम्बाब्वे 42.2 ओवर में सभी विकेट गंवाकर 123 रन का मामूली स्कोर ही बना सका। वूसी सिबांदा ने सर्वाधिक 38 रन बनाए।
बुमराह ने इस सीरीज में दूसरी बार चार विकेट की उपलब्धि दर्ज की। उन्होंने पहले वनडे में भी 28 रन पर चार विकेट हासिल किए थे। जिम्बाब्वे के निचले क्रम को निपटाने का काम करते हुये बुमराह ने 10 ओवर में 2.20 के इकोनोमी रेट से केवल 22 रन देकर टिमीसेन मरूमा, एल्टन चिगुंबुरा, रिचमंड मुतुंबानी और तवांदा मुपारीवा के विकेट हासिल किए।
अन्य गेंदबाजों में धवल कुलकर्णी ने 6.2 ओवर में 17 रन देकर एक, लेफ्टआर्म स्पिनर अक्षर पटेल ने 10 ओवर में 1.60 के बेहतरीन इकोनोमी रेट से 16 रन पर एक और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने आठ ओवर में 25 रन पर दो विकेट हासिल किए।
भारतीय टीम के युवा गेंदबाजों के सामने जिम्बाब्वे के चार ही बल्लेबाज दहाई के आंकड़े को छू सके। वूसी सिबांदा ने 38 रन और चामू चिभाभा ने 27 रन बनाए। मारूमा ने 17 रन तथा आखिरी समय में नेविल मादजिवा ने 10 रन का योगदान दिया। अन्य कोई बल्लेबाज 10 रन तक नहीं पहुंच सका। जिम्बाब्वे ने अपने आखिरी सात विकेट 19 रन के अंतर में गंवाए।
टॉस हारने के बावजूद कप्तान धोनी की मैच में पहले गेंदबाजी करने की इच्छा पूरी हुई और युवा मेहमान टीम ने शुरुआत से ही विकेट निकालना जारी रखा। ओपनर हैमिल्टन मस्काद्जा आठ रन बनाकर कुलकर्णी की गेंद पर लोकेश राहुल को कैच थमा बैठे। चिभाभा और सिबांदा ने दूसरे विकेट के लिए 36 और सिबांदा और मारूमा ने तीसरे विकेट के लिए 34 रन की साझेदारियां कर कुछ स्थिति को संभाला।
चिभाभा ने 66 गेंदों में तीन चौके लगाकर 27 रन और सिबांदा ने 71 गेंदों में दो चौके और पारी का पहला और एकमात्र छक्का लगाकर 38 रन जोड़े। चिभाभा को चहल ने दूसरे बल्लेबाज के रूप में आउट किया। मरूमा का चौथा विकेट 104 के स्कोर पर गिरा। उन्हें बुमराह ने बोल्ड किया।
मेजबान टीम ने इसी स्कोर पर अपने चार विकेट गंवाए। मैल्कम वालर (आठ रन), चिगुंबुरा (शून्य), मुतुंबानी (चार) और कप्तान ग्रीम क्रेमर (शून्य) पर आउट हुए। बुमराह ने मैच में अपना चौथा विकेट मुपारीवा (एक) को आउट कर लिया। डोनाल्ड तिरिपानो (दो) को रनआउट कर भारत ने जिम्बाब्वे की पारी को 123 रन पर निपटा दिया। (वार्ता)