मोहाली: भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टी20 मैचों की शृंखला की शुरुआत मंगलवार को करेगी, हालांकि भारत के लिए कुछ खिलाड़ियों और संयोजनों को परखना इस शृंखला को जीतने से ज्यादा अहम होगा।
अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले भारत के सामने ज्वलंत सवाल है कि रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग कौन करेगा। कप्तान रोहित ने लोकेश राहुल को ओपनिंग के लिए पहली पसंद बताते हुए यह भी कहा है कि विराट कोहली कुछ मैचों में पहले बल्लेबाजी करने आ सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू शृंखला में कारगर साबित होने वाला ओपनिंग संयोजन टी20 विश्व कप में प्राथमिकता हासिल कर सकता है।
चोट से उभर कर लौटे जसप्रीत बुमराह और हर्षल पटेल के लिए यह शृंखला विश्व कप से पहले वॉर्म अप का काम
करेगी। एशिया कप में भारतीय तेज गेंदबाजी का खासा बुरा हार था। टीम को अपने मुख्य तेज गेंदबाजों की कमी खासी खली। बुमराह और हर्षल दोनों ही अंतिम ओवर्स में किफायती गेंदबाजी करने के लिए मशहूर है। ऐसे में टीम मैनेजमेंट को कम से कम चयन से राहत की सांस मिली है।
विश्व कप स्क्वाड में अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में शामिल हुए मोहम्मद शमी भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी बाहें खोल सकते थे, लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण उनके स्थान पर उमेश यादव आ गये हैं।
इसके अलावा टीम यह भी देखना चाहेगी कि घुटने की सर्जरी के बाद रिहैब से गुजर रहे रवींद्र जडेजा की कमी को अक्षर पटेल किस हद तक पूरा कर पाते हैं।
अक्षर पटेल और रविंद्र जड़ेजा में काफी सामनताए हैं, इस कारण ही उनको जड़ेजा की जगह मौका दिया गया था। पटेल भी जड़ेजा की तरह बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज है, और गुजरात के खिलाड़ी है।
वेस्टइंडीज दौरे पर जड़ेजा की जगह खेलने वाले अक्षर पटेल ने सोचा भी नहीं होगा कि वह इस विख्यात ऑलराउंडर को टी-20 विश्वकप में भी रिप्लेस कर देंगे। हालांकि अगर अक्षर पटेल आगे भी ऐसी ही पारियां खेलते रहे जैसी उन्होंने इंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में खेली थी तो वह जरूर रविंद्र जड़ेजा की जगह टीम में ले सकते हैं।
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया ने हरफनमौला मिचेल मार्श, मार्क्स स्टॉयनिस और तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क को विश्व कप से पहले आराम दिया है। मार्श की अनुपस्थिति में स्टीव स्मिथ को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिये चुना है, जो उनके लिये एक नयी जिम्मेदारी होगी। विस्फोटक बल्लेबाज टिम डेविड इस शृंखला से ऑस्ट्रेलिया के लिये पदार्पण कर सकते हैं, जो ग्लेन मैक्सवेल के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियाई मध्यक्रम को आश्चर्यजनक मजबूती देने की क्षमता रखते हैं।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया अपने खिलाड़ियों की फिटनेस से कोई कोताही नहीं बरतना चाहता। यह ही कारण है कि एक दूसरे दर्जे की टीम भारत भेजी गई है।हालांकि दोनों ही टीमों का लक्ष्य एक ही है, जीत से ज्यादा खिलाड़ियों को परखना।