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भारतीयों का रहा दबदबा, अश्विन रहे शिखर पर

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, बुधवार, 12 अक्टूबर 2016 (20:27 IST)
नई दिल्ली। विराट कोहली ने न्यूजीलैंड पर श्रृंखला में मिली 3-0 की जीत के लिए पूरी टीम का श्रेय ऐसे ही करार नहीं दिया, बल्कि आंकड़ों से खुलासा होता है कि उनका आकलन इस परिदृश्य में इतना सटीक क्यों दिखता है?
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 27 विकेट अपने नाम किए जबकि रवींद्र जडेजा ने 14 विकेट हासिल किए और दोनों ने मिलकर न्यूजीलैंड के कुल 60 विकेट में से 41 विकेट चटकाए।
 
भारत के इस प्रदर्शन की तुलना में न्यूजीलैंड के गेंदबाज केवल 42 विकेट ही हासिल कर सके जो भारत के इन दोनों स्पिनरों द्वारा मिलकर हासिल किए गए विकेटों से महज एक विकेट अधिक था। मिशेल सैंटनर और ट्रेंट बोल्ट दोनों ने 10-10 विकेट हासिल किए।
 
अश्विन के 27 विकेट हरभजन सिंह (2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लिए गए 32 विकेट) के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा, जिसमें से दो बार उन्होंने 10 विकेट हासिल किए। उन्होंने अब तक 39 टेस्ट में छह बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लिए हैं और इस आंकड़े में भारतीयों में अनिल कुंबले के बाद दूसरे नंबर पर काबिज हैं।
 
अश्विन ऐसे पहले गेंदबाज हैं जिन्होंने अपने पहले 39 टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा 220 टेस्ट शिकार किए हैं। विकेट पूरी तरह से टर्न लेने वाला नहीं था, लेकिन तीसरे या चौथे दिन पिच पर अश्विन को खेलना बहुत मुश्किल हो गया, जिसमें ऐसा पूरी तरह से उनकी गेंदबाजी कौशल से हुआ था, पिच की मदद से नहीं।
 
अश्विन ने जडेजा को आदर्श करार किया था, जिन्होंने बीच-बीच में विकेट दिलाए और 2.34 के इकोनॉमी रेट से गेंदबाजी की। अन्य तेज गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार के कोलकाता में चटकाए गए  पांच विकेट शानदार रहे, जबकि मोहम्मद शमी (आठ विकेट) ने ईडन गार्डंस में दूसरी पारी में गेंद को रिवर्स स्विंग कराया।
 
बल्लेबाजी विभाग में चेतेश्वर पुजारा अपने रंग में थे, उन्होंने एक शतक और तीन अर्धशतकों की बदौलत 373 रन जोड़े जिसमें उनका औसत 74 से ज्यादा का रहा। ऐसा लगता है कि उन्होंने कुछ और समय के लिए बल्लेबाजी में तीसरे नंबर का स्थान अपने लिए पक्का कर दिया है।
 
भरोसेमंद अजिंक्य रहाणे ने लंबे प्रारूप के बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर अपना दर्जा बढ़ाना जारी रखा और इंदौर टेस्ट में 188 रन का अपना व्यक्तिगत स्कोर बनाया। वे सीरीज में 347 रन बनाकर सर्वाधिक रन जुटाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे नंबर पर रहे।
 
विराट कोहली का दोहरा शतक खुशगवार रहा जिससे भारतीय कप्तान इस पार्टी में जुड़ने में आखिर में रहा, लेकिन उन्होंने इस श्रृंखला में 309 रन जुटाए।
 
कोहली ने अपने 211 रन के शानदार प्रयास से दिखा दिया कि लंबी पारी के लिए संयम कितना जरूरी होता है, कोलकाता में 45 रन की दूसरी पारी साफ उदाहरण थी कि समय के साथ टूटी पिच पर उन्होंने कैसा प्रदर्शन किया। (भाषा)

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