भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बार फिर रविवार को वनडे में आसान जीत दर्ज की। वनडे विश्वकप में भारत की यह तीसरी जीत थी और कुल भारत की यह 11वीं वनडे जीत थी। भारत को मुकाबले में सिर्फ पहली पारी में मुश्किल का सामना करना पड़ा जब वह 96 रनों पर 1 विकेट से 114 पर 6 विकेट तक पहुंच गया। हालांकि इसके बाद पूजा वस्त्रकर और स्नेह राणा की बल्लेबाजी से भारत 245 तक पहुंच गया।
पाकिस्तान के लिए 245 रनों का स्कोर पहाड़ जैसा होने वाला था क्योंकि आज तक पाक महिला टीम ने वनडे में 240 का आंकड़ा बाद में बल्लेबाजी करते हुए नहीं छुआ। 2 साल बाद पाकिस्तान टीम में वापसी कर रहीं बल्लेबाज कप्तान बिसमाह मारूफ ने भी निराश किया और जल्द पवैलियन लौट गई।
अपने सुनहरे कैरियर में कई उतार चढाव देखने वाली मारूफ मां बनने के लिये क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बना चुकी थी लेकिन अब दूसरी पारी में पाक के लिए छाप छोड़ने को बेताब हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी फातिमा उनके लिए सुनहरा भविष्य लेकर आएगी।
मारुफ की बेटी फातिमा के साथ विजेता भारतीय क्रिकेट टीम ने कुछ यादगार पल बिताए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। फातिमा को गोदी में लिए मारुफ के इर्द गिर्द भारतीय महिला टीम खड़ी हुई थी और फातिमा के साथ खेल रही थी। इस वीडियो को सबसे पहले एक पाकिस्तानी पत्रकार गुलाम अब्बास शाह ने ट्वीट किया था।
इस वीडियो के बाद अमन की आशा में विश्वास करने वाले लोगों की ओर से काफी कमेंट्स आए।
यह बात साबित करती है भारत पाकिस्तान की प्रतिद्वंदिता मैदान पर ही रहती है मैदान के बाहर नहीं। कई मौकों पर ऐसा पुरुष क्रिकेट टीम के साथ भी देखा गया है।
भारत-पाकिस्तान मुक़ाबले की असली विजेता रही नन्ही फ़ातिमा
भारत बनाम पाकिस्तान कभी एक साधारण मुक़ाबला नहीं होता। लेकिन रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ महिला विश्व कप का मुक़ाबला और भी यादगार बना जब मुख्य नायिका रहीं पाकिस्तान के ख़ेमे में एक छः महीने की सदस्या।
भारत ने पाकिस्तान को 107 रन से जब हरा दिया तो भारतीय खिलाड़ियों का दिल पाकिस्तान कप्तान बिस्माह मारूफ़ की बेटी फ़ातिमा ने जीत लिया। स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर समेत कई भारतीय खिलाड़ियों के बिस्माह और उनकी बेटी से भेंट के चित्र चंद घंटों में दुनिया भर में वायरल होने लगे।
सोमवार को पाकिस्तानी ऑलराउंडर निदा डार का कहना था कि भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच दोस्ती और सौहार्द का वातावरण सालों से रहा है। उन्होंने कहा, ''हम भारत के विरुद्ध अधिक मैच नहीं खेल पाते लेकिन जब भी ऐसा मौक़ा मिलता है तो ढेर सारी बातें होती हैं। कभी मैच पर तो कभी मैदान के बाहर की बातें। दोनों टीमों में बहुत गहरी दोस्ती है और उम्मीद है कि यह हमेशा बनी रहेगी।मैच एक साइड पर रहता है हमेशा और दोस्ती अपनी जगह पर है। हमें बड़ा अच्छा लगा कि भारतीय खिलाड़ी आए और हमसे मिले और हमसे बातें की। ख़ासकर बिस्माह की बच्ची के साथ खेले। फ़ातिमा को वैसे भी सब का लाड-प्यार पसंद है और उसे भी बड़ा मज़ा आया होगा।''
मैच से पहले ही सोशल मीडिया पर बिस्माह और उनकी पुत्री छा चुकीं थीं जब एक तस्वीर में वह फ़ातिमा को गोदी में लिए अपनी टीम की साथी सहित उनके पालने को स्टेडियम में अपने साथ अंदर ले जाती दिखीं। यह महिला क्रिकेट के लिए एक अनोखा दृश्य था और इसने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की नई मातृत्व नीति के विज्ञापन का रूप धारण किया। भारतीय उपमहाद्वीप में बिस्माह ऐसी पहली क्रिकेटर बनीं जिन्होंने मातृत्व अवकाश के बाद एक प्रतियोगी मैच में वापसी की।
पीसीबी के नए दिशानिर्देश के अनुसार ही 30 वर्षीय बिस्माह अपनी बेटी और अपनी माता, जो फ़ातिमा का ख़्याल रखती हैं जब वह मैच या अभ्यास में व्यस्त हों, के साथ पाकिस्तान से न्यूज़ीलैंड तक का सफ़र तय कर सकीं। पीसीबी ने बिस्माह के साथ उनकी बच्ची और मां के सफ़र और रहने के ख़र्चे में आधे हिस्से का भुगतान किया है।
रविवार के मुक़ाबले और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी वापसी के बाद बिस्माह का कहना था, ''विश्व कप में आकर मैच खेलना एक अलग एहसास था। मैं थोड़ी भावुक भी थी। मेरी मां और बेटी दोनों मेरे साथ थे। मैं इस टूर्नामेंट में कुछ ख़ास करना चाहती हूं क्योंकि वह दोनों यहां आए हैं।''