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इंदौर में क्रिकेट की औपचारिक शुरुआत के 89 साल बाद हुआ टेस्ट

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इंदौर , रविवार, 9 अक्टूबर 2016 (17:28 IST)
इंदौर। इंदौर में प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट की औपचारिक शुरुआत तत्कालीन होलकर राजवंश की सरपरस्ती में वैसे तो वर्ष 1927 में ही हो गई थी, लेकिन इसके 89 साल के लंबे अंतराल के बाद इस शहर में पहले टेस्ट मैच का आयोजन संभव हो सका।

 
भारत और न्यूजीलैंड के बीच होलकर स्टेडियम में 8 अक्टूबर से शुरू हुआ टेस्ट मैच इंदौर ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के इतिहास का इस प्रारूप का पहला मुकाबला है।
 
क्रिकेट इतिहास के जानकार सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी ने रविवार को बताया कि ज्ञात इतिहास के मुताबिक इंदौर में प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट खेलने की औपचारिक शुरुआत वर्ष 1927 में हुई, जब तत्कालीन होलकर रियासत में संरक्षण में एक टीम गठित की गई थी। इसके बाद वर्ष 1940 के दशक में शहर में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत हुई थी। 
 
उन्होंने कहा कि इंदौर में क्रिकेट की समृद्ध परंपरा रही है। इंदौर की होलकर टीम ने वर्ष 1941-42 से 1954-55 के बीच 4 बार रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट जीता था, जबकि यह 6 बार इस प्रतिष्ठित घरेलू स्पर्धा की उपविजेता रही थी तथा होलकर टीम का अहम हिस्सा रहे सीके नायडू और सैयद मुश्ताक अली जैसे खिलाड़ियों ने क्रिकेट इतिहास में कई नगीने जड़े।
 
उन्होंने बताया कि भारत को वर्ष 1932 में टेस्ट टीम का दर्जा मिला था। नायडू भारतीय टेस्ट टीम के पहले कप्तान थे। भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में लॉर्ड्स के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। 1934 में सैयद मुश्ताक अली भी भारतीय टेस्ट टीम में शामिल हो गए थे। 
 
उन्होंने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर वर्ष 1936 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शतक जड़कर इतिहास रच दिया था। यह कारनामा विदेशी धरती पर भारत के किसी क्रिकेटर के बनाए पहले टेस्ट शतक के रूप में इतिहास में दर्ज है। (भाषा)

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