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इंदौर से छिना भारत-वेस्टइंडीज वनडे मैच, विवाद के चलते अब विशाखापट्‍टनम शिफ्ट

हमें फॉलो करें इंदौर से छिना भारत-वेस्टइंडीज वनडे मैच, विवाद के चलते अब विशाखापट्‍टनम शिफ्ट
, बुधवार, 3 अक्टूबर 2018 (18:56 IST)
नई दिल्ली। आखिरकार वही हुआ, जिसका अंदेशा था। मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच फ्री पास की रस्साकशी के कारण इंदौर में भारत और वेस्टइंडीज के बीच 24 अक्टूबर को खेला जाने वाला दूसरा वनडे मैच विशाखापट्‍टनम शिफ्ट कर दिया गया है। यह पहला मौका है, जब इंदौर को किसी मैच की मेजबानी मिली हो और वह मैच यहां आयोजित नहीं हो रहा है।
 
 
बीसीसीआई ने बीसीसीआई ने बुधवार को बताया कि इंदौर में 24 अक्टूबर को खेले जाने वाला दूसरा वनडे इसी दिन अब विशाखापत्तनम में होगा। 5 मैचों की सीरीज़ का पहला वनडे 21 अक्टूबर को गुवाहाटी में खेला जाएगा जबकि तीसरा वनडे 27 अक्टूबर को पुणे, चौथा 29 अक्टूबर को मुंबई और पांचवां 1 नवंबर को तिरुवनंतपुरम में खेला जाएगा। जिस बात की आशंका थी आखिर में वह सही साबित हो गई और इंदौर से दूसरे वनडे की मेजबानी छिन गई।
 
इस मैच को लेकर बीसीसीआई और एमपीसीए के बीच कॉम्पलीमेंट्री टिकटों का बंटवारा विवाद का केंद्र बन गया था। एमसीए ने 48 घंटे पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि उसके पास मैच की तैयारियों के लिए पर्याप्त समय नहीं बचा है और उसके लिये इस मैच की मेजबानी करना अब मुश्किल है। 
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इस विवाद का कारण कॉम्पलीमेंट्री टिकट थे। एमपीसीए के सचिव मिलिंद कनमड़ीकर ने कहा था, 'बीसीसीआई मैच के लिए हमसे हॉस्पिटेलिटी टिकट की मांग कर रही है, जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते। पैवेलियन (हॉस्पिटेलिटी) गैलरी में सिर्फ 7 हजार सीटें हैं। उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार इसमें से केवल 10 प्रतिशत यानी 700 सीटें ही नि:शुल्क वितरित कर सकते हैं। अगर इसमें से हम पांच प्रतिशत टिकट बीसीसीआई को दे देते हैं, तो हमारे पास सिर्फ 350 हॉस्पिटेलिटी टिकट बचेंगे।'
 
कनमड़ीकर ने कहा था कि मैच की तैयारी के लिए कम से 45 दिनों का समय चाहिए होता है, लेकिन एमपीसीए के पास इतना समय नहीं बचा है। लिहाजा आयोजन करना आसान नहीं होगा। 
 
बीसीसीआई के नये संविधान के अनुसार स्टेडियम की कुल क्षमता का 90 फीसदी टिकट हिस्सा सार्वजनिक बिक्री के लिये होना चाहिये जबकि बाकी का 10 प्रतिशत कॉम्पलीमेंट्री टिकट हिस्सा राज्य इकाइयों के पास होना चाहिए। बीसीसीआई एमपीसीए से जो मांग कर रहा था, उसे पूरा करने में एमपीसीए ने असमर्थता जताई थी और अब इंदौर के हाथ से इसी के चलते दूसरा वनडे छिन गया है। 

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