नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में क्रिकेट खिलाड़ियों की नीलामी और बिक्री को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाते हुए कहा कि उसने सिर्फ प्रचार पाने के लिए यह याचिका दायर की है। याचिका में खेल को गैरकानूनी बताते हुए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बोली लगाने/नीलामी/बिक्री करने की प्रक्रिया को रद्द या अमान्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
अदालत ने कहा कि यहां मानव की खरीद-फरोख्त का कोई सवाल नहीं उठता और यह एक जनहित याचिका नहीं है, बल्कि यह प्रचार पाने वाली याचिका है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति हरि शंकर की एक पीठ ने कहा कि याचिका में बिक्री या नीलामी को लेकर लगाए गए आरोप राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए अपमानजनक हैं।
यह याचिका दिल्ली निवासी सुधीर शर्मा ने दायर की थी। याचिका में कथित तौर पर कानून का उल्लंघन करने वाले टीम मालिकों सहित आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।