नई दिल्ली:भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीबाई) की गुरुवार को अहमदाबाद में होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में इंडियन प्रीमियर लीग में 10 टीमों की भागीदारी की मंजूरी मिल सकती है लेकिन इसे आगामी सत्र (2021) की जगह 2022 से लागू किया जाएगा।
अहमदाबाद में होने वाली इस बैठक में नयी आईपीएल फेंचाइजी को शामिल करने का मुद्दा सबसे प्रमुख होगा।
यह पता चला है कि अधिकांश हितधारकों का मानना है कि 2021 में नौ या 10 टीमों का आईपीएल कराना जल्दबाजी में लिया गया फैसला होगा। इससे नयी फ्रेंचाइजी को प्रतिस्पर्धी टीम बनाने के लिए बहुत कम समय मिलेगा।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, इस मामले में बहुत सारे तौर-तरीके हैं जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। अधिकांश हितधारकों को लगता है कि अप्रैल में होने वाली आईपीएल से पहले नीलामी के लिए बहुत कम समय है।
उन्होंने कहा, आपको निविदाएं आमंत्रित करनी होंगी और बोली प्रक्रिया तैयार करनी होगी। जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत तक बोली में अगर दो टीमें बाजी मारती है तो उन्हें नीलामी के लिए समय दिया जाना चाहिए, जो मार्च में आयोजित की जा सकती है। ऐसे मे नयी फ्रेंचाइजी के लिए योजना बनाने के लिए बहुत कम समय मिलेगा।
दस टीमों के आईपीएल में 94 मैचों का आयोजन होगा जिसके लिए लगभग ढाई महीने की जरूरत होगी, इससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का कैलेंडर अव्यवस्थित हो सकता है।
इसके साथ ही आईपीएल की पूरी अवधि के लिए शीर्ष विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रसारण राशि प्रति वर्ष 60 मैचों के हिसाब से है जिस पर फिर से बातचीत की आवश्यकता होगी। फिलहाल स्टार इंडिया 2018-2022 के बीच की अवधि के लिए 16,347.50 करोड़ रुपये का भुगतान करता है और यह प्रति वर्ष 60 मैचों के लिए है।
गौतम अदानी और संजीव गोयनका (पूर्व फ्रेंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के मालिक) टीमों को खरीदने में दिलचस्पी रखने वाले कुछ सबसे बड़े नामों में शामिल हैं।(भाषा)