एडिलेड:ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एशेज़ सीरीज़ के पहले टेस्ट में पिछले हफ़्ते बेन स्टोक्स घुटने की चोट से जूझते नज़र आए थे, लेकिन गुरुवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले वह नेट में अपनी पुरानी लय में दिखाई दिए और उनकी गेंदों में रफ़्तार भी देखने को मिली।
ब्रिसबेन में खेले गए पहले टेस्ट के दौरान स्टोक्स ने सिर्फ़ 12 ओवर डाले थे, जहां इंग्लैंड को नौ विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। फ़ील्डिंग के दौरान भी वह असहज नज़र आए थे और एक बार तो गेंद का पीछा करते हुए बाउंड्री लाइन के समीप वह घुटने की चोट से काफ़ी परेशान दिखे थे।लेकिन एडिलेड में होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले स्टोक्स एक बार फिर पूरे शबाब पर हैं, अभ्यास सत्र के दौरान प्रमुख कोच क्रिस सिल्वरवुड की देखरेख में स्टोक्स ने क़रीब एक घंटे गेंदबाज़ी की, हालांकि इस दौरान उनकी एक तेज़ बाउंसर कप्तान जो रूट के हेलमेट पर भी जा लगी थी।
अगर कुछ ऊंच नीच हो जाती तो यह इंग्लैंड के लिए सबसे बड़े झटके के तौर पर होता। गौरतलब है कि जो रूट इस साल टेस्ट में सबसे ज्यादा टेस्ट रन और शतक बनाने वाले बल्लेबाज हैं। अगर चोट गंभीर होती तो उनका दिन रात्रि टेस्ट खेलना मुश्किल हो जाता।ऐसे में स्टोक्स जो खुद चोट से जूझ रहे हैं अपने कप्तान को और चोटिल कर देते।
द मिरर के लिए अपने कॉलम में स्टोक्स ने लिखते हुए इस बात की पुष्टि की कि ब्रिसबेन टेस्ट के दौरान वह घुटने की चोट से परेशान थे। साथ ही साथ उन्होंने ये भी साफ़ किया कि उनके लिए ये कोई नई बात नहीं थी। उन्होंने कहा,'कई बार लोगों ने मुझे अपने घुटने को दबाते हुए देखा होगा, लेकिन मैं यही कहना चाहूंगा कि अब मैं ठीक हूं। ये एक पुरानी चोट है जो कई बार खेलते हुए दोबारा उभर जाती है, मैं जानता हूं इससे कैसे पार पाना है।'
फ़रवरी में भारत के ख़िलाफ़ भारत में खेलने के बाद स्टोक्स का ये पहला टेस्ट था, जहां उन्होंने पांच और 14 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने डेविड वॉर्नर को आउट भी कर दिया था लेकिन वह गेंद नो-बॉल हो गई थी।
स्टोक्स ने कहा, ''जब आप लंबा ब्रेक लेते हैं तो इसका असर मैदान पर भी दिखता है, हालांकि मैं कोई बहाना नहीं बनाना चाहता। उस पूरे टेस्ट में एक कैच लकपने और कुछ नो-बॉल डालने के अलावा शायद ही मैंने कुछ और किया। इसमें एक सकारात्मक चीज़ ये है कि मैंने इससे भी बुरा नहीं किया।''
इंग्लैंड के लिए ये ज़रूरी है कि स्टोक्स एक गेंदबाज़ की तरह टीम में रहें ताकि वह एक अच्छा संतुलन दे सकें। इससे स्पिनर जैक लीच को भी एक और मौक़ा मिल जाएगा जिन्होंने पहले टेस्ट में अपने 13 ओवर में 102 रन ख़र्च कर दिए थे।
एशेज़ सीरीज़ में इंग्लैंड की वापसी की उम्मीदों को और भी बल तब मिलेगा जब एडिलेड में होने वाले इस पिंक बॉल टेस्ट में जेम्स एंडरसन का खेलना तय माना जा रहा है। एंडरसन ने चार साल पहले पिंक बॉल टेस्ट में ही पहली बार ऑस्ट्रेलिया में पारी में पांच विकेट हासिल किए थे। एंडरसन ने भी नेट में क़रीब 40 मिनट की गेंदबाज़ी की और फ़िट नज़र आए।
इंग्लैंड को ऑसट्रेलिया में पिछले 11 टेस्ट में से 10 में हार का सामना करना पड़ा है, इस देश में आख़िरी बार इंग्लैंड को 2010-11 में जीत हासिल हुई थी। 1954-55 के बाद से किसी भी इंग्लिश टीम ने पहला टेस्ट हारने के बाद वापसी करते हुए ऐशेज़ नहीं जीती है। हालांकि स्टोक्स को उम्मीद है कि ये टीम उस परंपरा को पीछे छोड़ देगी।
स्टोक्स ने कहा, ''हम पहला मैच हारने के बाद सीरीज़ में वापसी करना जानते हैं और पिछले कुछ समय में हमने ऐसा किया भी है। हमने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ शुरुआत में हार के बाद सीरीज़ जीती, पिछले साल हमने वेस्टइंडीज़ को भी पहला टेस्ट गंवाने के बाद हराया था, तो हम एक बार फिर ऐसा कर सकते हैं।''