एक कप्तान अगर टीम को बुरे हालात में छोड़ कर चला जाता है और उसके बाद पूरी टीम को लंबी सीरीज खेलनी होती है तो दो ही स्थितियां होती है या तो टीम टूटकर बिखर जाती है या तो फिर उठ खड़ी होती है।
जोस बटलर हालांकि दूसरे वनडे मैच में अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे लेकिन उनके पास वनडे सीरीज में वह करने का मौका मिला है जो कुछ महीने पहले अजिंक्य रहाणे को मिला था।
अजिंक्य रहाणे को टेस्ट टीम की कप्तानी तब मिली थी जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे के पहले टेस्ट में 36 पर आउट हो गई थी और उसके सामने पूरी सीरीज पड़ी थी। किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत 2-1 से सीरीज जीतकर इतिहास रचेगी लेकिन ऐसा हुआ।
कप्तान विराट कोहली पहले टेस्ट के बाद ही पेतृत्व अवकाश पर चले गए थे। अजिंक्य रहाणे ने बड़ी ही चालाकी से टीम सिलेक्शन किया। मैदान पर सही समय पर सही निर्णय लिए। मेलबर्न टेस्ट 8 विकेट से जीता, सिडनी टेस्ट ड्रॉ कराया और ब्रिस्बेन टेस्ट 7 विकेट से जीतकर सीरीज अपने नाम की।
जॉस बटलर के सामने भी लगभग यही स्थिती है। पहले वनडे में इंग्लैंड टीम जीत की ओर आसानी से बढ़ रही थी। लेकिन मध्यक्रम की विफलता के कारण मैच टीम के हाथ से फिसल गया। 318 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लैंड 22 ओवर में 2 विकेट खोकर 169 रन बना चुकी थी। 9 में से 10 बार इस स्थिती में रनों का पीछा करने वाली टीम मैच जीत जाती है।
66 रनों की हार के बाद टीम को एक और झटका लगा। इयॉन मॉर्गन उंगली और अंगूठे के बीच की जगह पर चोट के कारण बाहर हो गए और बटलर को कप्तानी का भार भी संभालना पड़ा।
किसी को उम्मीद नहीं थी कि इंग्लैंड सीरीज में वापसी करेगी लेकिन बटलर ने बाद में बल्लेबाजी करने की योजना पर विश्वास दिखाया और पहले वनडे से बड़ा स्कोर टीम ने चेस करके दिखाया।
बटलर ने आधा काम तो कर दिया है लेकिन अगर कल वह पूरा काम कर देतें हैं तो उनकी उपलब्धि अजिंक्य रहाणे जितनी ही होगी। बटलर पिछले दो मैचों में बल्लेबाज के तौर पर फ्लॉप रहे हैं। तीसरे वनडे में उनके बल्ले की टीम को जरूरत पड़ने वाली है और वह चाहेंगे कि सही समय पर उनका फॉर्म लौट आए। यह देखना दिलचस्प होगा कि कल क्या वह वो काम कर पाते हैं जो रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में किया था।
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर बराबरी हासिल करने वाली जीत से वह काफी प्रसन्न नजर आए थे । बटलर ने साथ ही कहा था, ' हमारी गेंदबाजी काफी अच्छी रही, जिससे हमने भारत को 336 पर रोक दिया। ऋषभ पंत काफी खतरनाक खेल रहे थे और उनका विकेट निकालना हमारे लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। यह देख कर बहुत खुशी हुई कि जॉनी ने शतक पूरा किया और उनकी स्टोक्स के साथ साझेदारी को देखना एक रोमांचक अनुभव था। हमने पुणे में अच्छी विकेट पर शानदार प्रदर्शन किया और हम उम्मीद करते हैं कि यह प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहेगा। '(वेबदुनिया डेस्क)