Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

'क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की राजनीति ने मुझे शारीरिक और मानसिक तौर पर थका दिया था', पूर्व कोच लैंगर ने सुनाई आपबीती

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में हो रही है जमकर राजनीति: लैंगर

हमें फॉलो करें 'क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की राजनीति ने मुझे शारीरिक और मानसिक तौर पर थका दिया था', पूर्व कोच लैंगर ने सुनाई आपबीती
, गुरुवार, 26 मई 2022 (17:29 IST)
मेलबर्न:जस्टिन लैंगर ने ऑस्ट्रेलिया के कोच पद से हटने के लगभग तीन महीने बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) में चल रही "जघन्य पॉलिटिक्स" की निंदा की है। उन्होंने सीए के अंतरिम अध्यक्ष रिचर्ड फ़्रॉयडेंस्टाइन पर निशाना साधा है। लैंगर ने टी20 विश्व कप और एशेज दोनों में ऑस्ट्रेलिया की जीत सुनिश्चित करने के बावजूद अपने अनुबंध में केवल छह महीने की वृद्धि पाने पर फ़रवरी में इस्तीफ़ा दिया था।

उस दौरान यह अफ़वाह भी उड़ी थी कि टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों और लैंगर में बातचीत की कमी होने लगी है। लैंगर के साथ हुए व्यवहार पर मार्क वॉ, एडम गिलक्रिस्ट, रिकी पोंटिंग, स्टीव वॉ, मैथ्यू हेडन और शेन वॉर्न जैसे पूर्व खिलाड़ियों ने भी नाराज़गी जताई थी।

लैंगर ने बुधवार को कोच पद से हटने के एक दिन बाद फ़्रॉयडेंस्टाइन के साथ हुई बातचीत के बारे में बताते हुए कहा, "उन्होंने पहली बात जो मुझसे बोली वह थी, 'आप को तो बड़ा मज़ा आ रहा होगा कि आपके सारे पुराने दोस्त मीडिया में आपका समर्थन कर रहे हैं?' मैंने कहा, 'जी हां लेकिन ये मेरे दोस्त होने के अलावा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में भी शुमार हैं। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट इन सब से ही बना है। यह पूरी दुनिया में इस खेल में काम करते आए हैं। ज़ाहिर सी बात है मैं ख़ुश हूं मेरे दोस्त मेरे समर्थक हैं। काश आप भी ऐसा कह पाते।'"
इसके बाद लैंगर का नाम इंग्लैंड के कोचिंग पद से भी जोड़ा गया। हालांकि लैंगर ने स्पष्ट किया कि उनके जैसे ऑस्ट्रेलिया-प्रेमी के लिए चिर प्रतिद्वंदी इंग्लैंड ख़ेमे का हिस्सा होना असंभव था।उन्होंने कहा ,‘‘ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने मेरे इस्तीफे के एक दिन बाद मुझे फोन किया था । मैं उसे लंबे समय से जानता हूं । उसके अलावा इंग्लिश क्रिकेट में किसी से बात नहीं की ।’’
webdunia

कोच के कार्यकाल से मिली सीख पर लैंगर बोले, "तीन साल तक मैं पॉलिटिक्स से जूझता रहा। इससे आप थक जाते हैं। यह काम आपके शारीरिकऔर मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। एक चीज़ जो मैंने सीखा वह यह था कि अगर आप अपने डेस्क से सब कुछ हटा दें तो आपको बस दो ही चीज़ें नज़र आएंगी। एक है सब कुछ जीतना और दूसरा अपने लोगों के साथ सही व्यवहार रखना।"

उन्होंने आगे कहा, "अगर आपके साथ लोगों का समर्थन रहे तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं। अगर नहीं तो एक अकेलापन आ जाता है। नेतृत्व बड़ी एकाकी चीज़ है लेकिन इसे आसान लोगों का समर्थन बनाता है।"

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सिर्फ 20 लाख रुपए में बैंगलोर को मिले हैं इंदौर में जन्में रजत पाटीदार