Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

752 की औसत 5 शतक! अब भी करुण नायर बेकरार है भारत के लिए खेलने के लिए

भारत के लिये खेलने का सपना अभी भी पल रहा है : करूण नायर

Advertiesment
हमें फॉलो करें 752 की औसत 5 शतक! अब भी करुण नायर बेकरार है भारत के लिए खेलने के लिए

WD Sports Desk

, शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 (16:00 IST)
लंबे इंतजार और करीब तीन साल पहले मायूसी से भरी सोशल मीडिया पोस्ट लिखने के बाद करूण नायर ने क्रिकेट के मैदान पर शानदार वापसी करते हुए विजय हजारे ट्रॉफी में पांच शतक लगाये और कहा कि आठ साल बाद भारत की जर्सी पहनने का सपना अभी भी उनके भीतर पल रहा है।

नायर ने विदर्भ के लिये विजय हजारे ट्रॉफी में 752 रन बनाये । ये वही करूण नायर हैं जिन्होंने तीन साल पहले लिखा था ,‘‘ डियर क्रिकेट, प्लीज मुझे एक मौका और दे दो।’’

क्या इंग्लैंड के खिलाफ वनडे श्रृंखला और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के लिये उन्हें मौका मिलेगा जब चयनकर्ता भारत की वनडे टीम चुनने बैठेंगे?यह तो समय ही बतायेगा लेकिन उन्हें सपना देखने का पूरा हक है।
नायर ने PTI (भाषा) से कहा ,‘‘ भारत के लिये खेलने का सपना हमेशा रहा है। वह सपना अभी भी पल रहा है। हम इसी के लिये खेलते हैं। एकमात्र लक्ष्य देश के लिये खेलना है।’’

अपने कैरियर में कई उतार चढाव झेल चुके नायर बहुत आगे की नहीं सोचना चाहते।उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि यह मेरी तीसरी वापसी है। मुझे इस लय को जारी रखना है।हर मैच में रन बनाने हैं। मैं इतना ही कर सकता हूं। सब कुछ मेरे हाथ में नहीं है।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ जब तक चयन नहीं होता, यह सपना ही है। लेकिन मैं एक समय पर एक ही पारी पर फोकस करना चाहूंगा।’’

यह पूछने पर कि उन्होंने ऐसा क्या किया कि वापस रन बन रहे हैं?, 33 वर्ष के नायर ने कहा ,‘‘ मैने कुछ अलग नहीं किया। कोई राज नहीं है। यह बरसों की मेहनत और सब्र का फल है। हर दिन मैं एक नयी चुनौती की तरह लेता हूं और कोशिश करता हूं कि अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकूं।’’

एक ऐसा भी समय था जब वह अपने भविष्य को लेकर आशंकित थे क्योंकि घरेलू मैचों और आईपीएल में रन नहीं बन रहे थे।
इस बारे में नायर ने कहा ,‘‘अगर मैं कहूं कि डरा नहीं था तो वह झूठ होगा । हर किसी को ऐसा ही महसूस होता होगा लेकिन मैने कभी नहीं सोचा कि मेरा कैरियर खत्म हो जायेगा। मैं इतना ही सोचता था कि यह किस दिशा में जा रहा है, मैं क्या कर रहा हूं, ऐसा क्यो हो रहा ह ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘उस दौर से बाहर आने में समय लगा और फिर मैने खुद से कहा कि नये सिरे से आगाज करना होगा । मैने खुद को कुछ समय दिया और अपने बारे में और अपने खेल के बारे में काफी कुछ सीखा । मैं उन सीखों के लिये शुक्रगुजार हूं , उनके बिना यहां इस स्थिति में नहीं होता।’

नायर ने यह भी कहा कि कर्नाटक छोड़कर विदर्भ के लिये खेलने का फैसला भी सही रहा। उन्होंने कहा ,‘‘ मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे विदर्भ के लिये खेलने का मौका मिला। उन्होंने मुझे जो मंच और माहौल दिया, उसके बिना मैं यहां तक नहीं पहुंचता।’’

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पहले कितने कप्तानों ने ऐसा किया? युवराज सिंह ने भारतीय टीम की स्थिति को लेकर दिया जवाब