स्थायी कप्तान तेम्बा बावुमा के चोटिल हो जाने के बाद केशव महाराज को कप्तानी सौंप दी गई। गौरतलब है कि चौथे टी-20 में तेम्बा बावुमा चोटिल हो गए थे और भुवनेश्वर की गेंद उनकी कोहनी पर लग गई थी। इसके बाद डाइव मारकर भी वह चोटिल हुए थे।
चौथे टी-20 में वह रिटायर हर्ट हुए और बल्लेबाजी करने नहीं उतरे। इसके अलावा चौथे टी-20 में केशव महाराज ही उनकी जगह पर प्रेस वार्ता में आए थे।
बैंगलूरू में खेले जाने वाले पांचवे टी-20 मैच में अब उन्हें तेम्बा बावुमा की जगह कप्तानी मिल गई और उन्होंने टॉस भी जीत लिया और गेंदबाजी चुनी।
फंसा कर किया था चौथे टी-20 में पंत को चलता
राजकोट के मुक़ाबले में ऋषभ पंत को आउट करने के बाद जिस तरह से केशव महाराज कप्तान तेम्बा बावुमा की तरफ़ दौड़े, वह साफ़ दिखाता है कि यह एक योजना बनाकर किया गया शिकार था। भारतीय पारी के 13वें ओवर में महाराज ने आफ़ साइड के बहुत बाहर फ़ुलर गेंद डाली, पंत उसे जबरदस्ती मारने के चक्कर में गए और शॉर्ट थर्डमैन पर अपने बल्ले का बाहरी मोटा किनारा दे बैठे। उस समय पंत का स्कोर 22 गेंद में 17 रन था।
बन चुके हैं प्लेयर ऑफ द मंथ
अप्रैल माह में अपनी घातक गेंदबाजी के दम पर वह प्लेयर ऑफ द मंथ का पुरुस्कार भी जीत चुके हैं।केशव महराज ने अप्रैल माह में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में घातक गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में 32 रन देकर सात विकेट झटके थे। इसके बाद दूसरे टेस्ट में महाराज ने इतने ही विकेट 40 रन देकर लिए।इसके साथ ही वह लगातार चौथी पारी में 2 बार 7 विकेट चटकाने वाले पहले गेंदबाज बन गए थे।
कंठस्थ याद है हनुमान चालीसा
ज्यादातर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी अमूमन ईसाई धर्म के अनुयायी रहते हैं। एक दो खिलाड़ी इस्लामिक मूल के भी हैं जैसे इमरान ताहिर, तबरेज शम्सी। लेकिन केशव महाराज सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। उन्हें हनुमान चालीसा भी कंठस्थ याद है। वह कोशिश करते हैं कि हर मंगलवार या शनिवार हनुमान जी का जाप कर सकें।