कानपुर। 'चाइनामैन' गेंदबाज कुलदीप यादव के रविवार को यहां अपने घरेलू मैदान ग्रीनपार्क पर तीसरे और अंतिम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में अंतिम एकादश में शामिल नहीं हो पाने के कारण उनके कोच, परिजन और स्थानीय दर्शक काफी निराश हो गए।
कुलदीप को पुणे में खेले गए पिछले मैच में भी टीम में नहीं लिया गया था लेकिन उम्मीद की जा रही थी कि उन्हें अपने घरेलू मैदान पर मौका मिलेगा। भारतीय टीम प्रबंधन ने हालांकि पिछले मैच में जीत दर्ज करके श्रृंखला बराबर करवाने वाली टीम में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया। कुलदीप कानपुर के जाजमऊ इलाके रहने वाले हैं लेकिन उनका परिवार भी मैच देखने के लिए नहीं पहुंचा।
इस युवा स्पिनर को 10 साल की उम्र से गेंदबाजी के गुर सिखाने वाले उसके कोच कपिल पांडे ने कहा कि हां, अंतिम एकादश में कुलदीप का नाम नहीं होने से मुझे निराशा हुई, क्योंकि उसने हाल में उसने अच्छी गेंदबाजी की है और मैं मान रहा था कि ग्रीनपार्क के घरेलू मैदान पर उसका चयन जरूर होगा। कुलदीप ने यहां नेट पर बहुत पसीना बहाया है और वह इस मैदान के बारे में बहुत अच्छे से जानता है।
उन्होंने कहा कि शनिवार को कुलदीप को मैंने नेट पर अभ्यास भी कराया था और उसने उम्मीद भी जताई थी कि उसे अंतिम 11 में चुन लिया जाएगा। कुलदीप के नहीं चुने जाने से मैं बहुत उदास हूं और खुद कुलदीप भी उदास होंगे। मेरी मैच शुरू होने से पहले उससे बात नहीं हुई लेकिन अपने शहर अपने लोगों के सामने पहला एकदिवसीय मैच न खेल पाने का गम तो उसे भी होगा। कुलदीप ने भी शनिवार को बातचीत में अंतिम एकादश में जगह मिलने की उम्मीद जताई थी।
पांडे से जब पूछा गया कि कुलदीप का परिवार क्या स्टेडियम में पहुंचा है? उन्होंने कहा कि उनका कार्यक्रम था कि कुलदीप के अंतिम एकादश में चयन होने के बाद ही स्टेडियम आएंगे। कुलदीप के शहर के उनके प्रशंसक भी काफी उदास हैं। कुलदीप को प्रोत्साहित करने के लिए पोस्टर-बैनर लेकर आए एक प्रशंसक अमित सिन्हा ने कहा कि अब कुलदीप मैच ही नहीं खेल रहा है तो फिर इन बैनर-पोस्टर को लगाने का कोई औचित्य नहीं।