लंदन। दो मैचों में आउट होने से पहले कुलदीप यादव की सिर्फ 4 गेंदें खेलने वाले जो रूट का भारत के खिलाफ दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में मुख्य लक्ष्य बाएं हाथ के कलाई के इस स्पिनर की गेंदबाजी को अधिक से अधिक से अधिक समझना था।
रूट ने अपनी शतकीय पारी के दौरान इस 'चाइनामैन' गेंदबाज का सहजता से सामना किया, जो 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला से पहले इंग्लैंड के लिए अच्छी खबर है। रूट ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कुलदीप का काफी सामना नहीं करने के कारण मैं पारी के दौरान उसकी गेंदबाजी को अधिक से अधिक समझना चाहता था और सुनिश्चित करना चाहता था कि लीड्स में अगर मुझे स्पिनरों के खिलाफ शुरुआत करनी पड़ी, तो मैं मुश्किल में नहीं फंस जाऊं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ मैचों में मैंने उसकी सिर्फ 4 गेंदों का सामना किया था लेकिन अंतत: आपको अपने खेल और तकनीक पर विश्वास करना होता है। मुझे लगता है कि मैंने उसकी जो 4 गेंदें खेलीं, उसमें उसकी गेंदों को ठीक तरीके से समझ रहा था। रूट की नजर में कुलदीप को खेलना उनके लिए सीखने की प्रक्रिया है।
उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी के रूप में आप हमेशा सीखना चाहते हो और जब आप अगली बार किसी का सामना करो, तो उसके लिए तैयार रहने का प्रयास करते हो व्यक्तिगत खिलाड़ी और टीम दोनों के रूप में। मुझे नहीं लगता है कि टेस्ट क्रिकेट के संदर्भ में काफी आगे के बारे में सोचने की जरूरत है जबकि मंगलवार को एक और मैच होना है।
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान ने हालांकि स्वीकार किया कि कुलदीप को अगर टेस्ट मैचों की टीम और फिर अंतिम एकादश में जगह मिलती है, तो इस स्पिनर का सामना करने से हासिल आत्मविश्वास से उन्हें टेस्ट मैचों में मदद मिलेगी। रूट का मानना है कि कुलदीप का सामना करते हुए उन्होंने अपनी तकनीक पर भरोसा किया जिसके कारण उन्हें इतने वर्षों से नतीजे मिल रहे हैं। (भाषा)