लंदन। लेग स्पिनर युजवेन्द्र चहल का मानना है कि दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में यहां भारत की 86 रनों की हार के दौरान पहली पारी में धीमे गेंदबाजों को मदद नहीं मिली जबकि लॉर्ड्स की पिच से दूसरी पारी में घरेलू टीम के स्पिनरों आदिल राशिद और मोईन अली को काफी टर्न मिला। जो रूट के करियर के 12वें शतक की बदौलत इंग्लैंड ने 7 विकेट पर 322 रन बनाए और फिर भारत को 50 ओवरों में 236 रनों पर आउट कर दिया।
चहल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मुझे लगता है कि एक टीम के रूप में डेथ ओवरों में हमने 20 से 25 रन अधिक दे दिए, लेकिन इसका श्रेय डेविड विली और रूट को दिया जाना चाहिए जिन्होंने अंत में काफी अच्छी बल्लेबाजी की। यह अलग तरह की धीमी पिच थी। जब हमने गेंदबाजी की तो पिच से दूसरी पारी की तरह टर्न नहीं मिल रहा था। कुलदीप (68 रनों पर 3 विकेट) ने भारत को सफलताएं दिलाईं जबकि चहल ने 7 ओवर किफायती गेंदबाजी की लेकिन पारी के 40वें ओवर के बाद विली और रूट ने तेजी से रन बटोरे।
चहल ने कहा कि जब मैंने कुछ ओवर फेंके तो पाया कि पिच थोड़ी धीमी है इसलिए मैंने अपनी गति में विविधता लाने का फैसला किया और फुल लेंथ की गेंद की, क्योंकि पिच धीमी थी। शॉर्ट पिच गेंद करने पर रन बनने की अधिक संभावना थी इसलिए मैं विकेटों पर ही गेंदबाजी करना चाहता था, क्योंकि अगर बल्लेबाज चूक करता है, तो मेरे पास विकेट हासिल करने का मौका होता।
हालांकि रविवार को इंग्लैंड के स्पिनर मोईन और राशिद छाए रहे जिन्होंने मिलकर 20 ओवरों में 80 रन देते हुए 3 विकेट चटकाए। चहल ने कहा कि विराट कोहली का आउट होना टर्निंग प्वॉइंट बन गया। चहल ने कहा कि मुझे लगता है कि टर्निंग प्वॉइंट विराट कोहली का विकेट था, क्योंकि अच्छी साझेदारी हो रही थी। जब आप 322 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे हो तो आपको अंत में विकेट की जरूरत होती है। मुझे साथ ही लगता है कि उनके स्पिनरों ने अच्छी गेंदबाजी की।
उन्होंने कहा कि मोईन ने जिस तरह की गेंदबाजी की, उससे बाउंड्री नहीं लग रही थी। हम 1 या 2 रन ही बना सके और जरूरी रनगति बढ़ती चली गई इसलिए बल्लेबाजों पर दबाव था। आप कह सकते हैं कि बीच के ओवरों में उनके स्पिनरों ने अच्छी गेंदबाज की। (भाषा)