सीमान्त सुवीर
37 बरस के महेंद्र सिंह धोनी आज भी कितने लोकप्रिय हैं, इसका अंदाजा ऑकलैंड में 8 फरवरी को खेले गए दूसरे टी-20 मैच से लगाया जा सकता है, जहां स्टेडियम में जमा हजारों दर्शक उनके बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरते ही झूम उठे और 'धोनी, धोनी, धोनी' के नारे लगाने लगे। ऐसा लग रहा था कि न्यूजीलैंड में जितने भी भारतीय हैं, वे ईडन पार्क पर जमा हो गए हैं। यहां का पूरा माहौल कोलकाता के ईडन गार्डन जैसा लग रहा था, क्योंकि जहां भी नजर दौड़ाओ, वहां ब्ल्यू ड्रेस में दर्शक तिरंगे के साथ ही थे।
विदेश की जमीं पर जब दर्शक भारतीय क्रिकेटरों के साथ हों तो मैदान पर उतरने वाले बल्लेबाज का हौसला भी आसमान छूने लगता है। ऐसा ही कुछ धोनी के साथ भी हुआ। वे जहां जाते हैं, अपने प्रशंसक बना ही लेते हैं। भारतीय क्रिकेट के लीजेंड में शुमार धोनी ने 2006 से टी-20 मैच खेलना शुरू किया था और 2007 में भारत को टी-20 का विश्व चैंपियन बनाया था। तब से लेकर आज तक उनकी लोकप्रिता का ग्राफ बढ़ता ही चला गया।
दूसरे टी-20 मैच में भारत ने 13.4 ओवर में तीसरा विकेट 118 रन पर गंवा दिया था और वह जीत से 41 रन के फासले पर था। चौथे नंबर पर धोनी बल्लेबाजी करने के लिए उतरे तो पूरा स्टेडियम भारत के इस 'लीजेंड बल्लेबाज' के लिए झूम उठा।
धोनी ने दूसरे छोर पर खड़े ऋषभ पंत को साथ लिया और 32 गेंदों में 44 रनों की नाबाद साझेदारी निभाकर भारत को 7 गेंद शेष रहते 7 विकेट से जितवा दिया। धोनी ने 17 गेंदों पर नाबाद 20 रन बनाए और ऋषभ पंत 28 गेंद में अविजित 40 रन बनाने में सफल रहे।
पूरे समय धोनी ऋषभ पंत को नसीहत देते रहे और खराब शॉट चयन पर उन्हें डांट भी पिलाते रहे, क्योंकि कुछ मौकों पर पंत ने जोखिमभरे शॉट खेले थे। एक महान बल्लेबाज की यही पहचान है कि इतने शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी वह हमेशा विनम्र बना रहता है। यही कारण है कि धोनी को चाहने वालों की गिनती नहीं की जा सकती।
ऑस्ट्रेलिया टूर से धोनी का जो फॉर्म था, वह ऑकलैंड में भी बरकरार रहा। धोनी भारतीय क्रिकेट की संपत्ति हैं जिसे नकारा नहीं जा सकता। उनके समकालीन बहुत सारे क्रिकेटरों ने भले ही क्रिकेट को गुडबॉय कह दिया हो लेकिन 'एमएस' का क्लास आज भी बरकरार है, उनका रिप्लेसमेंट हो ही नहीं सकता। चाहे वनडे हो या फिर आईपीएल, धोनी जिस जगह भी खेलने जाते हैं, वहां उनके प्रशंसक खुद ही बन जाते हैं।
और हो भी क्यों नहीं, भारत के लिए उन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेटों में 16 हजार 837 रन बनाए हैं। धोनी ने 90 टेस्ट, 338 वनडे और 95 टी-20 मैच खेले हैं। टेस्ट में उन्होंने 4,876, वनडे में 10,415 और टी-20 में 1,546 रन अपने नाम के आगे चस्पा किए हैं। भारत के इस लीजेंड ने टेस्ट में 256 कैच, 38 स्टंपिंग, वनडे में 311 कैच, 119 स्टंपिंग और टी-20 में 55 कैच, 33 स्टंम्पिंग की है। यही नहीं, टेस्ट में धोनी का सर्वाधिक स्कोर 224, वनडे में 183 और टी-20 में 56 रन रहा है।
37 साल और 216 दिन की उम्र वाले धोनी के पास अभी भी भारतीय क्रिकेट को देने के लिए बहुत कुछ है, खासकर अपना लंबा अनुभव। यही कारण है कि विराट कोहली भी धोनी को सबसे ज्यादा मान देते हैं और मैच में उन्हीं से सलाह लेते हैं। न्यूजीलैंड में एमएस धोनी लोकप्रियता के सारे रिकॉर्ड खंडित कर रहे हैं तो इसमें किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि 'माही' का कद बहुत ऊंचा है...!