एडिलेड। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे सीरीज में शामिल किए गए महेंद्र सिंह धोनी जब से यहां आए हैं, उनका नया अवतार देखने को मिल रहा है। सिडनी में भले ही भारत मेजबान टीम के खिलाफ पहला वनडे मैच हार गया हो लेकिन उस मैच में रोहित शर्मा के शतक के अलावा धोनी का अर्द्धशतक टीम का दूसरा टॉप स्कोर (96 गेंदों में 51) रहा था।
मंगलवार को एडिलेड के धीमे विकेट पर जहां गेंद टप्पा खाने के बाद काफी देर से बल्ले पर आ रही हो, वहां बल्लेबाजी करना आसान काम नहीं था। धोनी को मिडिल ऑर्डर को मजबूत करने लिए पांचवें नंबर मैदान पर उतारा गया क्योंकि 31वें ओवर में 160 रन के कुल स्कोर पर अंबाती रायडू (24) तीसरे विकेट के रूप में आउट हो चुके थे।
दूसरे छोर पर कप्तान विराट कोहली अंगद के पांव की तरह जमे हुए थे। विराट ने ज्यादातर स्ट्राइक अपने पास रखी क्योंकि धोनी को विकेट पर पैर जमाने में वक्त लगता है। हालांकि दोनों ही बल्लेबाज नजदीकी रन लेकर स्कोर को गतिमान किए थे। टीम इंडिया 242 रनों के कुल स्कोर पर अपने कप्तान कोहली को खो चुका था, जिन्होंने 112 गेंदों में 5 चौकौं और 2 छक्कों की मदद से 104 रनों की तूफानी पारी खेली थी।
कोहली के पैवेलियन लौटते ही धोनी के कंधों पर टीम को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी आ गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। लंबे अरसे के बाद धोनी अपने पुराने रंग में दिखाई दिए। मैदान में हमेशा कूल रहने वाले धोनी का जेसन बेहरेनडोर्फ के आखिरी ओवर की पहली गेंद पर पूरे दमखम से लगाया गया दर्शनीय छक्का मैच की तस्वीर ही बदल गया।
जैसे सचिन तेंदुलकर के बारे में कहा जाता था कि फॉर्म तो आता जाता रहता है, 'क्लास' हमेशा कायम रहता है। धोनी ने भी अपने 'क्लास' के दर्शन एडिलेड में कराए और यह भी क्रिकेट की दुनिया को दिखा दिया कि क्यों टीम उन पर सबसे ज्यादा भरोसा करती है। (वेबदुनिया न्यूज)