712 रन बनाकर मैन ऑफ द सीरीज बने जायसवाल ने दिया दिल जीतने वाला बयान
बस गेंदबाजों पर दबाव बनाने की सोच रहा था : यशस्वी जायसवाल
INDvsENG प्लेयर आफ द सीरिज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में मिली अप्रतिम सफलता का श्रेय पारी की शुरूआत करते हुए गेंदबाजों पर दबाव बनाने की अपनी रणनीति को दिया।जायसवाल ने श्रृंखला में दो शतक और तीन अर्धशतक समेत 712 रन बनाये, जिसमें से दोनों शतक दोहरे शतक रहे।।उन्होंने कहा , मैं सिर्फ गेंदबाजों पर दबाव बनाने के बारे में सोच रहा था। यही रणनीति थी और इस पर अडिग रहना था।
एक श्रृंखला में 700 से अधिक रन बनाने वाले सुनील गावस्कर के बाद दूसरे भारतीय बने जायसवाल ने कहा कि वह अपने पैर जमीन पर रखना चाहते हैं।उन्होंने कहा , मैने श्रृंखला का पूरा मजा लिया । मैं एक समय पर एक मैच के बारे में ही सोच रहा हूं। मैं यही सोचता हूं कि टीम के लिये कैसे योगदान दे सकता हूं और कैसे जीत तक ले जा सकता हूं ।
कप्तान रोहित शर्मा ने कहा , उसे लंबा सफर तय करना है और उसकी उपलब्धि देखकर अच्छा लग रहा है। उसके जैसा प्रतिभाशाली खिलाड़ी गेंदबाजों पर शुरू से ही दबाव बना सकता है। आगे काफी चुनौतियां होंगी लेकिन उसे चुनौतियां पसंद है।
वहीं अपने आठवें टेस्ट में ही वह 1000 टेस्ट रन पार भी हो गए। सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने में वह सिर्फ विनोद कांबली से ही पीछे रह गए। उन्होंने चेतेश्वुर पुजारा, और सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड तोड़ा।
इस टेस्ट में जायसवाल ने बशीर पर लगातार दो चौकों के साथ 56 गेंद में अर्धशतक पूरा किया और 21वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। वह हालांकि अगली गेंद पर एक और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में फोक्स के हाथों स्टंप हो गए।
उन्होंने विशाखापत्तनम और राजकोट में दोहरे शतक जड़े थे। राजकोट में उन्होंने एक टेस्ट पारी में सर्वाधिक 12 छक्कों के रिकॉर्ड की भी बराबरी की थी।बाईस वर्ष 49 दिन की उम्र में लगातार दो दोहरे शतक जड़ने वाले वह डॉन ब्रैडमेन और विनोद कांबली के बाद दुनिया के तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने।