लंदन: क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने रविवार को ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के इंग्लैंड की चार्लोट डीन को गेंदबाजी छोर पर रन करने पर अपनी मुहर लगा दी।
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	इंग्लैंड की आखिरी बल्लेबाज चार्लोट डीन (47) को गेंदबाजी छोर पर क्रीज से आगे निकलने पर विवादास्पद अंदाज में रन आउट दिया गया जिससे भारत जीत हासिल करने में सफल रहा। डीन गेंदबाजी छोर पर क्रीज से बाहर निकल आईं थी और दीप्ति ने उन्हें रन आउट कर दिया।
									
										
								
																	दीप्ति का रन आउट करना पूरी तरह से वैध था लेकिन फिर भी इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों ने नाखुशी जाहिर की लेकिन एमसीसी ने रविवार को कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
एमसीसी ने एक बयान में कहा, कल वास्तव में एक रोमांचक मैच का असामान्य अंत था, इसमें अधिकारियों ने उचित भूमिका निभाई और इसे और कुछ नहीं माना जाना चाहिए।
									
											
									
			        							
								
																	इसमें कहा गया,  गेंदबाजी छोर पर बल्लेबाजों के लिए एमसीसी का संदेश यही रहेगा कि वे तब तक क्रीज पर रहें जब तक कि गेंदबाज के हाथ से गेंद को निकलते हुए नहीं देख लेते। ऐसा करने पर कल जैसा आउट नहीं हो सकता।
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने ने खेल की परिस्थितियों को संशोधित करते हुए इस तरह के आउट होने को अनुचित खेल से रन आउट कर दिया था। ये बदलाव 1 अक्टूबर से लागू होंगे।
									
										
										
								
																	
एमसीसी ने कहा कि यह मामले को स्पष्ट करने और बल्लेबाजों को यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि वे गेंद फेंके जाने से पहले गेंदाबजी छोर पर क्रीज को नहीं छोड़ें।बयान के अनुसार, नियम स्पष्ट हैं जिससे कि सभी अंपायरों के लिए खेल के सभी स्तरों और खेल के सभी क्षणों में आसानी से व्याख्या की जा सके।
									
			                     
							
							
			        							
								
																	इसमें कहा गया, क्रिकेट की भावना के संरक्षक के रूप में एमसीसी इसकी सराहना करता है कि दुनिया भर में इसकी अलग-अलग व्याख्या की जाती है। सम्मानजनक बहस स्वस्थ है और जारी रहनी चाहिए क्योंकि जहां एक व्यक्ति ऐसे उदाहरणों में गेंदबाज को खेल भावना का उल्लंघन करने के रूप में देखता है तो दूसरा गेंदबाजी छोर के बल्लेबाज को अपना मैदान जल्दी छोड़कर अनुचित लाभ प्राप्त करने की ओर इशारा करता है।(भाषा)