मेलबर्न। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज माइकल हसी ने शुक्रवार को कहा कि मेलबर्न में होने वाले तीसरे टेस्ट मैच के लिए परिस्थितियां पर्थ की तुलना में बहुत भिन्न होंगी और भारत को अपने आक्रमण में संतुलन लाने के लिए हार्दिक पांड्या को अंतिम एकादश में शामिल करने पर विचार करना चाहिए।
तीसरा टेस्ट मैच 26 दिसंबर से मेलबर्न में खेला जाएगा। एमसीजी की पिच पर सभी की निगाह टिकी है क्योंकि पिछले साल यहां इंग्लैंड के खिलाफ मैच ड्रॉ खेला गया था और आईसीसी भी इसकी पिच को लेकर खुश नहीं थी।
हसी ने कहा, पर्थ की परिस्थितियां काफी अनूठी हैं और मेलबर्न में परिस्थितियां पूरी तरह से भिन्न होंगी। मेरा मानना है कि भारतीय तेज गेंदबाजी इकाई ने इस श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने एडिलेड और पर्थ में गर्मी में भी काफी गेंदबाजी की।
उन्होंने कहा, वह (पांड्या) जब फार्म में होता है तो काफी हद तक मिशेल मार्श जैसा प्रदर्शन करता है। आपके पास गेंदबाजी में अतिरिक्त विकल्प होना चाहिए जो आपके तेज गेंदबाजों का भार कुछ कम कर सके विशेषकर चार मैचों की श्रृंखला में। इसलिए दोनों टीमों को (गेंदबाजी आलराउंडर) के विकल्प पर गौर करना चाहिए।
हसी ने कहा कि दोनों टीमों के गेंदबाजों ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत पर्थ में चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरा था और हसी ने कहा कि टीम को रविचंद्रन अश्विन की कमी खली जबकि नाथन लियोन ने अपनी टीम को जीत दिलाई।
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय सलामी जोड़ी का खराब प्रदर्शन जारी रहता है तो फिर चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे को अधिक जिम्मेदारी संभालनी होगी ताकि विराट कोहली के ऊपर निर्भरता में संतुलन पैदा किया जा सके।
हसी ने कहा, भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन वे नहीं चल पा रहे हैं। कुछ अवसरों पर ऐसा होता है जब चीजें आपके अनुरूप नहीं होती हैं।
हसी से पूछा गया कि क्या भारत कोहली के प्रदर्शन पर बहुत अधिक निर्भर है, उन्होंने कहा, कोहली दुनिया का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है और इसलिए भारत उन पर भरोसा कर सकता है जिसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर ऑस्ट्रेलिया की तरफ से स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर खेल रहे होते तो उन पर काफी निर्भर होता।
उन्होंने कहा, भारत की तरफ से पुजारा ने एडिलेड में शानदार प्रदर्शन किया तथा रहाणे ने टुकड़ों में अच्छा खेल दिखाया। आप हमेशा अपने सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज पर भरोसा करते हो लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में अतिरिक्त तेज गेंदबाज होने से भारतीय निचला क्रम लंबा हो गया और इससे बल्लेबाजी संतुलन गड़बड़ा गया। (भाषा)