ऐसा लग रहा है आज सूरज पश्चिम से निकला क्योंकि माइकल वॉन ने इंग्लैंड की लचर बल्लेबाजी का ठीकरा पिच पर नहीं फोड़ा। उल्टा उन्होंने इंग्लैड के बल्लेबाजों की आलोचना करी कि इतनी सपाट पिच पर अगर रन नहीं बन पाए तो इसे खराब बल्लेबाजी ही कहेंगे। 
 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	
	 
	गौरतलब है कि इंग्लैंड ने अपने पहले 3 विकेट 30 रन के भीतर ही गंवा दिए। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने इंग्लैंड के शीर्ष क्रम की विफलता पर लिखा कि , यह प्रदर्शन उतना ही खराब है जितना कि पिछले टेस्ट में क्योंकि यह पिच एक बड़े स्कोर की पिच है। कोई स्पिन मौजूद नहीं है। गेंद बल्ले पर आ रही है लेकिन इंग्लैंड की तरफ से खराब बल्लेबाजी हुई। 
	
	
	
		जब इंग्लैंड ने अंतिम सेशन में 5 विकेट गंवाए और टीम 205 रनों के स्कोर पर सिमट गई तब माइकल वॉन ने लिखा कि यह बहुत ही बुरी बल्लेबाजी का प्रदर्शन है। इसमें कोई भी बहानेबाजी नहीं चलेगी।
 
		
		
		
			यही नहीं मैच खत्म होने के बाद में माइकल वॉन ने दिन के खेल पर अपनी राय कुछ इस तरह दी- भारत ने गेंद से यह बताया है कि इन स्थितियों में वह बेहतर प्रदर्शन क्यों कर पाता है। पहले 60 ओवरों तक तो पिच ने बिल्कुल भी हरकत नहीं की थी। इसके बावजूद भी वह पूरी तरह इंग्लैंड पर भारी पड़े। उच्च स्तरीर प्रदर्शन। इंग्लैंड की बल्लेबाजी बेहद औसत रही। 
 
								
								
								
										
			        							
								
																	
			
			
			
				गौरतलब है कि दूसरे टेस्ट से टीम इंडिया ने जब इस सीरीज में जीतना शुरु किया था तो माइकल वॉन ने क्या नहीं कहा था। भारत खुद की मददगार यानि स्पिन की मददगार पिच बनवाता है। अंग्रेजी में उन्होंने चेन्नई और अहमदाबाद की पिच को रैंक टर्नर भी कह दिया था।
 
				 
				यही नहीं समय समय पर वह तीखे कटाक्ष करते रहे। उन्होंने यह भी कहा था कि पहले टेस्ट के बाद सपाट पिच बनाने के कारण ग्राउंड्समैन को नौकरी से निकाल दिया गया था। आज अचानक से माइकल वॉन के सुर में बदलाव एक हैरत की बात है। खैर देर से ही सही उन्हें समझ आ गया होगा कि कमजोरी इंग्लैंड के बल्लेबाजों की तकनीक में है , भारतीय पिच में नहीं। (वेबदुनिया डेस्क)