प्रतिभा या अनुभव, कंबोज या कृष्णा को चुनने के लिए चयनकर्ताओं के सामने यक्ष प्रश्न
आकाशदीप के चोटिल होने के कारण कंबोज और प्रसिद्ध एकादश में जगह के दावेदार
ENGvsIND इंग्लैंड के खिलाफ पिछले दो टेस्ट मैचों में शानदार गेंदबाजी करने वाले आकाशदीप भारतीय टीम के अभ्यास सत्र में कुछ गेंद डालने के बाद निराश दिखे तो वहीं टीम में शामिल हुए अंशुल कंबोज और प्रसिद्ध कृष्णा ने पूरे दमखम के साथ गेंदबाजी की।लॉर्ड्स टेस्ट के बाद से ग्रोइन की चोट से जूझ रहे आकाशदीप को टीम फिजियो से नेट सत्र में गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं मिली। उन्होंने कोच मोर्ने मोर्कल की निगरानी में मुख्य मैदान पर अपनी फिटनेस का मूल्यांकन करवाया था।
वह हालांकि इसके बाद नेट सत्र के दौरान दर्शक बने रहे जहां उनके साथ अर्शदीप सिंह खड़े थे जो हाथ की चोट के कारण मैच से बाहर हो गए हैं।आकाशदीप अगर अनफिट करार दिए जाते हैं तो टीम प्रबंधन को जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ तीसरे तेज गेंदबाज के लिए प्रसिद्ध कृष्णा या अंशुल कंबोज में से किसी एक को चुनना होगा।प्रसिद्ध कृष्णा ने दो मैचों में 62 ओवर फेंके है और कुछ अनचाहे रिकॉर्ड्स बनाए हैं।लेकिन वह बोर्डर गावस्कर सीरीज में भी गेंदबाजी कर चुके है।
कंबोज चोटिल अर्शदीप के विकल्प के तौर पर टीम में शामिल हुए है, जिससे उनके अप्रत्याशित पदार्पण की संभावना बढ़ गई है।कंबोज ने गेंदबाजी के बाद शारदुल ठाकुर के साथ बल्लेबाजी अभ्यास भी किया। ठाकुर को एकादश में नीतीश कुमार रेड्डी की जगह मिल सकती है।भले ही कंबाज ने इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ गेंद और बल्ले से रन बनाए, जिसमें एक पंजा भी शामिल है, लेकिन वह रविवार को ही टीम के साथ जुड़े थे। क्या टीम बिना ज्यादा अभ्यास के कंबोज पर दाव लगाएगा।
कम्बोज को आनन-फानन में टीम में शामिल किया गया है, लेकिन लाल गेंद के साथ उनका घरेलू क्रिकेट का अनुभव उन्हें बड़े स्तर के लिए तैयार बनाता है। उन्होंने हाल ही में इंडिया ए की तरफ से इंग्लैंड का दौरा किया था और दो मैचों की तीन पारियों में पांच विकेट लिए थे, साथ ही बल्ले के साथ भी एक अर्धशतक बनाया था। इसके पहले उन्होंने आईपीएल 2025 में आठ मैचों में आठ विकेट लिए थे।
अगर कम्बोज के प्रथम श्रेणी करियर की बात की जाए तो दाएं हाथ की तेज गेंदबाजी करने वाले हरियाणा के इस तेज गेंदबाज ने 24 प्रथम श्रेणी मैचों में 22.88 की औसत से 79 विकेट लिए हैं, जिसमें दो पंजा और एक 10-विकेट हॉल शामिल है। उन्होंने केरल के खिलाफ एक रणजी ट्रॉफी मैच की एक पारी में 10 विकेट लिए थे। वहीं 2024-25 के दलीप ट्रॉफ़ी में उन्होंने तीन मैचों की आठ पारियों में 16 विकेट लिए थे, जिसमें एक पारी में 8 विकेट-हॉल शामिल था।
उन्होंने अपने इस प्रदर्शन की मदद से प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का खिताब जीता और चयनकर्ताओं की नजर में अपनी जगह बनाई। अब अगर उन्हें मौका मिलता है, तो वह इस मौके को पूरी तरह भुनाने की कोशिश करेंगे।