भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज के लिए न्यूजीलैंड के मार्च अप्रैल में होने वाला वनडे विश्वकप आखिरी विश्वकप हो सकता है। यही कारण है कि वह पहली बार इस आईसीसी ट्रॉफी को उठा कर भारतीय महिला क्रिकेट में नया इतिहास रचना चाहती है। लेकिन टीम इंडिया का पिछले साल का प्रदर्शन उतना बेहतरीन नहीं रहा है। इसकी झलक उनके हालिया बयान में भी दिखी है।
भारतीय कप्तान मिताली राज ने मार्च-अप्रैल में होने वाले महिला विश्व कप से पहले अपनी बल्लेबाजी में सुधार की गुंजाइश के बारे में बताते हुए कहा कि टीम ने पिछले 12 महीनों में जिन क्षेत्रों में काम किया है, उसमें अधिक निरंतरता लाने की जरूरत है।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान एकदिवसीय विश्व कप की सर्वश्रेष्ठ तैयारी के लिए टीम 11 फरवरी से मेजबान न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की श्रृंखला खेलेगी। विश्व कप इसी देश में चार मार्च से शुरू होगा। भारत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में कई नये खिलाड़ियों को मौका दिया जिसमें मेघना सिंह, यस्तिका भाटिया और ऋचा घोष ने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया तो वहीं स्नेह राणा टीम में सफल वापसी करने में कामयाब रही।
टीम कॉम्बिनेशन पर करना होगा काम- मिताली
भारत ऑस्ट्रेलिया में तीन मैचों की श्रृंखला 1-2 से हार गया, लेकिन टीम ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को कड़ी चुनौती पेश की। विजयवाड़ा में अभ्यास कर रही मिताली ने दोनों दौरों के सकारात्मक पहलुओं पर जोर देते हुए कहा हम निश्चित रूप से विश्व कप (न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में) के लिए अपने संयोजन को ठीक करने की कोशिश करेंगे और कुछ ऐसे संयोजनों को आजमाएंगे जिससे पिछले साल हमें सकारात्मक नतीजे मिले थे।
भारतीय टीम मध्यक्रम और निचले मध्यक्रम में तेजी से रन बनाने में जूझती रही है लेकिन घोष और पूजा ने इस कमी को दूर किया है। मेघना और पदार्पण का इंतजार कर रही रेणुका सिंह के आने से तेज गेंदबाजी विभाग मजबूत हुआ है।
उन्होंने कहा, निचले मध्य क्रम ने ऑस्ट्रेलिया में योगदान दिया और हम चाहते हैं कि यह थोड़ा और निरंतर प्रदर्शन करें। इसने निश्चित रूप से दिखाया कि उनमें योगदान देने की क्षमता है। पूजा और स्नेह राणा जैसे हरफनमौलाओं ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन किया है।
मिताली ने कहा, विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा ने निश्चित रूप से दिखाया कि उनके पास आखिरी कुछ ओवरों में बड़े शॉट लगाने की ताकत और क्षमता है जिसकी वास्तव में हमें जरूरत थी।
उन्होंने कहा, वह हमारी बल्लेबाजी को मजबूत करती है तो वही तानिया (भाटिया) विकेटकीपिंग के मामले में बेहतर है। टीम में किसी जगह के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा होना अच्छा है और हमारे पास संयोजनों को आजमाने के लिए श्रृंखला के पांच मैच हैं।
एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाली इस खिलाड़ी ने कहा, तेज गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन स्पिन विभाग में थोड़ा और काम करने की जरूरत है। इस विभाग में हालांकि हमारे पास अनुभवी गेंदबाज है।
भारत निचले क्रम की मदद से ऑस्ट्रेलिया में लगातार 250 से अधिक का स्कोर बनाने में सफल रहा था और मिताली का मानना है कि शीर्ष टीमों के खिलाफ इस क्रम का योगदान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। भारतीय कप्तान ने कहा, उन क्षेत्रों में अधिक निरंतरता लाने के संदर्भ में मेरा यही मतलब था क्योंकि विश्व कप में जब आप बड़ी टीमों के खिलाफ खेल रहे होंगे तो यह काफी महत्वपूर्ण होगा। हां, शीर्ष क्रम को भी निश्चित रूप से अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
भारत को विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा जैसे सलामी बल्लेबाजों को बड़ी भूमिका निभानी होगी, जबकि मिताली से मध्य क्रम में बड़े स्कोर बनाने की उम्मीद होगी। इस अनुभवी बल्लेबाज ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में छह मैचों में चार अर्धशतकीय पारियां खेली लेकिन पारी की शुरुआत में उनका स्ट्राइक रेट काफी कम रहा।
मिताली स्ट्राइक रेट बढ़ाने पर कर रही है काम
मिताली ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिस पर वह सितंबर में ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के बाद से काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा, हमेशा ऐसे क्षेत्र होते हैं जो एक खिलाड़ी के रूप में आपको लगता है कि आपको काम करने की आवश्यकता है। हमेशा टीमें और गेंदबाज नयी रणनीति के साथ आने की कोशिश करते हैं और आपको इसका मुकाबला करने की जरूरत होती है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा ही होता है।विश्व कप के बाद की योजना के बारे में पूछे जाने पर 39 साल की इस खिलाड़ी ने कहा , अभी विश्व कप पर ही ध्यान देते है, अगले दो महीने टीम के लिए काफी अहम है।