भारतीय बल्लेबाजों का हर मैच में चौंकाना जारी है। किसी मैच से पहले पुख्ता तौर से यह नहीं कहा जा सकता कि वह आज के मैच में चलेंगे या नहीं। किसी मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाज 50 ओवर भी नहीं खेल पाते तो किसी मैच में वह 270 से ज्यादा रन बना देते हैं।
खुशी की बात यह है कि आज दक्षिण अफ्रीका से हुए करो या मरो के मुकाबले में भारत के 3 बल्लेबाजों कप्तान मिताली राज, शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने अर्धशतक जड़े जिससे भारत 7 विकेट के नुकसान पर 274 रन बना पाया।
भारतीय कप्तान मिताली राज ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया । दक्षिण अफ्रीका की टीम पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है।
शेफाली (46 गेंद में 53 रन) और स्मृति (84 गेंद में 71 रन) ने 90 गेंद में 91 रन की साझेदारी की जबकि हरमनप्रीत कौर ने आखिर में 57 गेंद में 48 रन बनाये।
शेफाली ने काफी आक्रामक बल्लेबाजी की और स्मृति ने पारी के सूत्रधार की भूमिका निभाई। शेफाली ने दक्षिण अफ्रीका की सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज शबनम इस्माइल को शुरू ही से दबाव में रखा । उन्होंने शबनम के दूसरे ओवर में तीन चौके जड़े । अपनी पारी में उन्होंने आठ चौके लगाये।
18 वर्ष की शेफाली ने तेज गेंदबाज मसाबाता क्लास को मिडआन पर चौका लगाकर टूर्नामेंट में पहला अर्धशतक पूरा किया।
जिस तरह से भारतीय सलामी बल्लेबाज खेल रहे थे , ऐसा लग रहा था कि भारत एक बार फिर 300 के पार स्कोर बना लेगा । लेकिन शेफाली और तीसरे नंबर की बल्लेबाज यस्तिका भाटिया एक के बाद एक विकेट गंवा बैठी जिससे रनगति पर अंकुश लगा।
शेफाली और स्मृति के बीच लेग साइड में एक रन लेने को लेकर गलतफहमी हुई और शेफाली रन आउट हो गई। वहीं यस्तिका ने आफ स्पिनर चोल ट्रायोन की गेंद पर स्वीप शॉट खेला और गेंद उनके स्टम्प पर जा लगी। भारत का स्कोर बिना किसी नुकसान के 91 रन से दो विकेट पर 96 रन हो गया।
इसके बाद मिताली और स्मृति ने पारी को आगे बढाया । शुरूआती स्पैल में महंगी साबित हुई शबनम ने शानदार वापसी की और भारतीय कप्तान पर दबाव बनाया।
एक बार क्रीज पर जमने के बाद मिताली ने हालांकि खुलकर खेला। स्मृति के जाने के बाद मिताली और हरमनप्रीत ने तेजी से रन बनाये । आखिरी दस ओवर में हालांकि 51 रन ही बन सके और चार विकेट गिर गए।मिताली ने इसी मैदान पर 22 साल पहले अपने पहले विश्व कप में भी अर्धशतक बनाया था।