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शोएब मलिक के भतीजे ने किया कारनामा! जावेद मियांदाद के बाद बने 300 रन जड़ने वाले सबसे युवा क्रिकेटर

हमें फॉलो करें शोएब मलिक के भतीजे ने किया कारनामा! जावेद मियांदाद के बाद बने 300 रन जड़ने वाले सबसे युवा क्रिकेटर
, मंगलवार, 21 दिसंबर 2021 (14:08 IST)
कराची:19 साल की उम्र में मोहम्मद हुरैरा, जावेद मियांदाद के बाद पाकिस्तान के प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के बल्लेबाज़ बन गए हैं। मियांदाद ने यह कारनामा 17 साल 310 दिन की उम्र में किया था, तब उन्होंने कराची व्हाइट्स की तरफ से खेलते हुए नेशनल बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 311 रन बनाए थे। हुरैरा की 343 गेंदों और 561 मिनट में 311 रनों की पारी पाकिस्तान की धरती पर 23वां तिहरा शतक था और इस शतक ने उन्हें यह उपलब्धि हासिल करने वाला 18वां पाकिस्तानी खिलाड़ी बना दिया।

सियालकोट के रहने वाले हुरैरा, शोएब मलिक के सौतेले भाई के बेटे हैं, रिश्ते से हुरेरा शोएब मलिक के भजीजे हुए। वह नॉर्दर्न के लिए अपने पहले प्रथम श्रेणी सत्र में हैं, लेकिन वह इस सीज़न 16 पारियों में 58.53 की औसत से 878 रन के साथ दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। जिसमें तीन शतक और तीन अर्द्धशतक शामिल हैं। हुरैरा की टीम 25 दिसंबर से शुरू हो रहे क़ायदे आज़म ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में खै़बर पख़्तूनख़्वा से भिड़ेगी।
नवंबर में सिंध के एहसान अली के नाबाद 303 रन के बाद यह इस सीज़न का दूसरा तिहरा शतक है। 2016 में कराची व्हाइट्स के सलामी बल्लेबाज़ हमज़ा घांची, मियांदाद और आफताब बलूच के बाद पाकिस्तान में तिहरा शतक बनाने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं, और अपने पहले प्रथम श्रेणी शतक को तिहरे शतक में बदलने वाले इतिहास के छठे बल्लेबाज़ बन गए हैं।

हुरैरा ने 17 साल की उम्र में पीसीबी अंडर 19 एकदिवसीय टूर्नामेंट में 342 रन के साथ शीर्ष स्कोरर बनकर उभरे थे। इसके बाद उन्हें पिछले साल अंडर -19 विश्व कप के लिए पाकिस्तान टीम के लिए चुना गया था और अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ यूथ वनडे डेब्यू पर उन्होंने अर्धशतक भी जमाया था, उन्हें उस मैच में उनके 64 रन और दो कैचों के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच घोषित किया गया था।
इस रिकॉर्ड को बनाने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के ट्विटर हैंडल पर अपलोड हुए एक वीडियो में हुरैरा ने सबसे पहले अल्लाह का शुक्रिया अदा किया उसके बाद कहा कि वह इस उपलब्धि के लिए अपने माता पिता, दोस्तों, परिवार वालों और शिक्षकों का शुक्रिया अदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि अंडर 19 विश्वकप से उनको काफी आत्मविश्वास आया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट खेलने के बाद एक अलग तरह की उर्जा खिलाड़ी में आ जाती है।

अपने चाचा शोएब मलिक के लिए उन्होंने कहा कि वह एक विश्व स्तरीय खिलाड़ी है और उनके साथ वह कभी कभी क्लब में प्रैक्टिस करते हैं। मलिक ने हुरैरा को क्रिकेट की बारिकियां भी सिखाई हैं। मलिक को हुरैरा एक कोच के तौर पर देखते हैं कहते हैं कि उनकी मौजूदगी एक आशीर्वाद की तरह है।

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