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इस कारण धोनी और अडानी की कंपनी नहीं खरीद पाई IPL 2022 की टीम और बाजी मार ले गए गोयनका

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, मंगलवार, 26 अक्टूबर 2021 (11:11 IST)
दुबई: दिग्गज उद्योगपति संजीव गोयनका और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी फर्म इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड (सीवीसी कैपिटल) ने सोमवार को यहां इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की दो नई टीमों के लिए कुल 12,715 करोड़ रुपये की बोली लगाई जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की उम्मीद से अधिक धनराशि है।

बीसीसीआई को 2022 से आईपीएल में हिस्सा लेने वाली दो नई टीमों से 10 हजार करोड़ रुपये के आसपास की राशि मिलने की उम्मीद थी। गोयनका के आरपी-एसजी समूह ने लखनऊ फ्रेंचाइजी के लिए 7,090 करोड़ रुपये की बोली लगाई जबकि सीवीसी कैपिटल ने अहमदाबाद टीम के लिए 5,625 रुपये खर्च किए।

गोयनका के पास 2 साल तक थी पुणे फ्रैंचाइजी

पीटीआई ने रविवार को अपनी खबर में कहा था कि गोयनका फ्रेंचाइजी खरीदने के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। इससे पहले आईपीएल में दो साल 2016 और 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स का स्वामित्व उनके पास था।

बीसीसीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बीसीसीआई को सफल बोलीदाताओं (निश्चित दस्तावेज और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर निर्भर) की घोषणा करने की खुशी है: पहला, आरपीएसजी वेंचर्स लिमिटेड- लखनऊ (7,090 करोड़ रुपये)। दूसरा, इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड (सीवीसी कैपिटल पार्टनर्स)- अहमदाबाद (5,625 करोड़ रुपये)।’’
 

बोर्ड ने कहा कि आईपीएल के 2022 सत्र में 10 टीमें होंगी और 74 मैच खेले जाएंगे। प्रत्येक टीम घरेलू मैदान पर सात और विरोधी टीम के मैदान पर सात मुकाबले खेलेगी।

गोयनका को आईपीएल में वापसी करने की खुशी है और इस बाद पूर्णकालिक मालिक के रूप में। चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर स्पॉट फिक्सिंग के लिए प्रतिबंध लगने के बाद उन्हें अस्थाई तौर पर पुणे फ्रेंचाइजी को चलाने का मौका मिला था।

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले तो मुझे आईपीएल में वापसी की खुशी है। लेकिन यह सिर्फ पहला कदम है। अब अच्छी टीम बनाना हम पर निर्भर करता है और हमें अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करना होगा। कोच, टीम तैयार करने को देखते हुए असली काम अब शुरू होगा।गोयनका ने कहा, ‘‘आईपीएल ने इससे बड़े ब्रांड तैयार किए हैं। मुंबई इंडियन्स, दिल्ली कैपिटल्स, चेन्नई सुपरकिंग्स को देखिए और कुछ अन्य को भी देखिए, वे आम बड़े नाम हैं, देश के सबसे बड़े ब्रांड में शामिल।’’

यह पूछने पर कि क्या 7000 करोड़ रुपये खर्च करना आर्थिक रूप से व्यावहारिक होगा तो गोयनका ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भविष्य में मूल्यांकन में इजाफा होगा। हमने जो निवेश किया है, वह 10 साल में कई गुना बढ़ सकता है।’’वह घरेलू टीम के रूप में लखनऊ को हासिल करके खुश हैं क्योंकि आरपीएसजी समूह के व्यावसायिक हित उत्तर प्रदेश में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ग्रेटर नोएडा में विद्युत वितरण करते हैं। राज्य में हमारे कई स्पेंसर स्टोर हैं। इसलिए हमारा मानना है कि इससे हमें राज्य से जुड़ने में मदद मिलेगी और हम इसे लेकर उत्सुक हैं। ’’बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को खुशी है कि आईपीएल का विस्तार हो रहा है।

उन्होंने बयान में कहा, ‘‘आईपीएल अब भारत के दो नए शहरों लखनऊ और अहमदाबाद में होगा। इतने अधिक मूल्यांकन पर दो नई टीमों को शामिल होते हुए देखना शानदार है और यह हमारे क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र की क्रिकेट और वित्तीय मजबूती को दिखाता है।’’

गांगुली ने कहा, ‘‘निविदा आमंत्रण (आईटीटी) में दिलचस्पी रखने वाले दो बोलीदाता भारत के बाहर से थे जो खेल संपत्ति के रूप में आईपीएल की वैश्विक अपील को दर्शाता है।’’बीसीसीआई सचिव जय शाह ने भी दो नई कंपनियों का बोर्ड के साथ जुड़ने पर स्वागत किया।

शाह ने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है और मैं औपचारिक रूप से आरपीएसजी वेंचर्स लिमिटेड और इरेलिया कंपनी पीटीई लिमिटेड का आईपीएल में स्वागत करता हूं। हमने वादा किया था कि आईपीएल 15वें सत्र से बड़ा और बेहतर होगा और लखनऊ तथा अहमदाबाद के साथ हम लीग को भारत के अन्य हिस्सों में ले जाएंगे।’’

यह लगभग सात घंटे की प्रक्रिया थी जिसमें बीसीसीआई ने गहन जांच के बाद विजेताओं की घोषणा की। इसमें वित्तीय बोली दस्तावेजों को खोलने के बाद तकनीकी जांच भी शामिल थी।

तकनीकी जांच के बाद अंतिम दौर की बोली लगाने की पात्र कंपनियां आरपी-एसजी, अडानी समूह, एचटी मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, टोरेंट फार्मा, ओरबिंदो फार्मा, आल कार्गो, सीवीसी, कनसोर्टियम (समूह) वाला कोटक समूह और मैनचेस्टर यूनाईटेड के स्वामित्व वाले ग्लेजर्स अपनी इक्विटी फर्म के जरिए थे।
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धोनी की कंपनी रिती स्पोर्ट्स ऐसे हुई बाहर

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रबंधन फर्म के रूप में पहचानी जाने वाली रिती स्पोर्ट्स ने भी बोली लगाई थी लेकिन इसे तकनीकी स्तर पर इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि अधिकारियों का मानना था कि यह ऐसे उद्योगपति से जुड़ी है जिसके रिश्तेदारों के पास पहले से आईपीएल फ्रेंचाइजी का स्वामित्व है।

इस तरह अनजान कंपनी आल कार्गो कंपनी ने भी काफी ध्यान खींचा क्योंकि माना जाता है कि इसे बीसीसीआई के एक ताकतवर प्रशासक और विरोधी पार्टी के एक जाने माने राजनेता का समर्थन हासिल है।
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नियमों के उल्लंघन के कारण अडानी को नहीं मिली टीम

फ्रेंचाइजी को खरीदने की दौड़ में पिछड़ने वाली बड़ी कंपनियों में गौतम अडानी का अडानी समूह शामिल है जिसने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। मैनचेस्टर यूनाईटेड का स्वामित्व रखने वाले ग्लेजर और टोरेंट समूह की बोली भी शीर्ष दो बोली में शामिल नहीं रही।

अडानी समूह के प्रतिनिधि बोली के दौरान बीसीसीआई के एक प्रायोजक के साथ आए थे जिसे बाद में परिसर से जाने को कहा गया क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन था।

बाइस कंपनियों ने 10 लाख रुपये का निविदा दस्तावेज खरीदा था लेकिन नई टीमों का आधार मूल्य दो हजार करोड़ रुपये होने के कारण सिर्फ पांच या छह गंभीर दावेदार ही दौड़ में थे।गोयनका की लगभग एक अरब डॉलर की बोली बड़ी धनराशि है और लीग के इतिहास की संभवत: सबसे बड़ी बोली है। (भाषा)

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