लंदन:भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि उन्हें अपनी पुस्तक का विमोचन समारोह आयोजित करने पर खेद नहीं है जिसे भारतीय टीम में कोविड-19 का संक्रमण फैलने के लिये जिम्मेदार माना जा रहा है जिसके कारण इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में पांचवां टेस्ट मैच रद्द करना पड़ा।
शास्त्री, क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फिजियो नितिन पटेल को ओवल टेस्ट के दौरान संक्रमित पाया गया और जब मैनचेस्टर में पांचवें टेस्ट से पहले जूनियर फिजियो योगेश परमार का परीक्षण पॉजिटिव आया तो मैच विवादास्पद रूप से रद्द कर दिया गया। भारत तब श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा था। रिपोर्टों के अनुसार पुस्तक विमोचन समारोह में भाग लेने वाले लोगों ने मास्क नहीं पहना था।
पांचवे टेस्ट में ज्यादातर समीकरण भारत के पक्ष में थे लेकिन मैच नहीं हो पाया। भारत 2-1 की बढ़त ले चुकी थी। यह सीरीज वह हार नहीं सकती थी अंतिम टेस्ट ड्रॉ भी हो जाता तो भी सीरीज बराबरी पर रुकती। हालांकि इसकी संभावना कम ही लग रही थी क्योंकि ज्यादातर बल्लेबाज और गेंदबाज फॉर्म में दिख रहे थे। कप्तान जो रूट को सस्ते में आउट करने का फॉर्मूला भी चौथे टेस्ट तक आते आते टीम ने ढूंढ लिया था। इस कारण क्रिकेट फैंस कोच रवि शास्त्री और विराट कोहली की इस हरकत पर खासे नाराज थे।इस वाक्ये के बाद रवि शास्त्री और विराट कोहली को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा था।
शास्त्री ने द गार्डियन से साक्षात्कार में कहा, मुझे कतई खेद नहीं है क्योंकि मैं उस समारोह में जिन लोगों से मिला वे शानदार थे। लड़कों के लिये भी लगातार अपने कमरों तक सीमित रहने के बजाय बाहर निकलकर अलग अलग लोगों से मिलना अच्छा था।
उन्होंने कहा, ओवल टेस्ट में आप उन सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे जिनका उपयोग 5000 लोग कर रहे थे। फिर पुस्तक विमोचन पर उंगली क्यों उठायी जा रही है।शास्त्री ने कहा, लेकिन मैं चिंतित नहीं था। पार्टी में लगभग 250 लोग थे और कोई भी उस पार्टी के कारण संक्रमित नहीं हुआ।
पृथकवास में बिताये गये समय के बारे में शास्त्री ने कहा, यह शानदार रहा क्योंकि 10 दिनों में गले में खराश के अलावा मुझ में किसी तरह के लक्षण नहीं थे। मुझे कभी बुखार नहीं आया और मेरा ऑक्सीजन का स्तर का हर समय 99 प्रतिशत रहा।
उन्होंने कहा, मैंने इन 10 दिनों में एक भी दवा नहीं ली। एक पैरासिटामोल (बुखार की दवा) तक नहीं ली। मैंने लड़कों से कहा कि एक बार परीक्षण पॉजिटिव आने पर यह 10 दिन का फ्लू है और कुछ नहीं। पांचवां टेस्ट रद्द होने से पुस्तक विमोचन पर लोगों का अधिक ध्यान गया।
शास्त्री ने कहा, मैं पुस्तक विमोचन की पार्टी में संक्रमित नहीं हुआ क्योंकि वह 31 अगस्त को था और तीन सितंबर को मेरा परीक्षण पॉजिटिव आया था। यह तीन दिन में नहीं हो सकता है। मुझे लगता है कि मैं लीड्स में संक्रमित हुआ। इंग्लैंड में 19 जुलाई को सब कुछ खोल दिया गया था। लोग होटलों में आने लगे थे, लिफ्ट का उपयोग शुरू हो गया था। किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था।
शास्त्री ने कहा कि मैनचेस्टर में नहीं खेलने का फैसला लेने में वह शामिल नहीं थे क्योंकि तब वह लंदन में पृथकवास पर थे। उन्होंने इस संदर्भ में खिलाड़ियों से चर्चा भी नहीं की थी।
उन्होंने कहा, नहीं मुझे नहीं पता कि किसने यह फैसला किया। मुझे नहीं पता था कि अचानक ही जूनियर फिजियो का परीक्षण पॉजिटिव आ गया। वह पांच या छह खिलाड़ियों का उपचार कर रहा था। मुझे लगता है कि यहां से मामला उठा। हम जानते हैं कि ऐसे में टेस्ट मैच के बीच में भी किसी का परीक्षण पॉजिटिव आ सकता है।
शास्त्री और कोहली को नहीं मिली सजा
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा था, टी20 विश्व कप से पहले इस हरकत के लिये शास्त्री या कोहली को सजा मिलने की संभावना नहीं है। उसके बाद शास्त्री जा ही रहे हैं। कोहली कप्तान है तो उसे भी सजा नहीं मिलेगी। डोंगरे से पूछा जा सकता है कि बतौर प्रशासनिक मैनेजर उन्होंने क्या किया।
अधिकारी ने कहा था, बीसीसीआई चाहता था कि वे खेलें लेकिन कुछ सीनियर खिलाड़ी इतने डरे हुए थे कि दोनों बोर्ड उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो गए। वह दस दिन और पृथकवास और बबल में रहने से डर गए थे। लेकिन उन्होंने उस समय समझदारी क्यों नहीं दिखाई जब शास्त्री की किताब के विमोचन में जाने के लिये हामी भर दी।