पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने हार्दिक पांड्या की तुलना कपिल देव से करने को गलत बताया है और कहा है कि पूर्व भारतीय कप्तान सौ साल में एक बार पैदा होने वाले क्रिकेटर हैं और किसी से उनकी तुलना नहीं हो सकती।
इन दोनों क्रिकेटरों की तुलना करने की कुछ विशेषज्ञों की आदत के बारे में जब पूछा गया, तो गावस्कर इससे बिल्कुल भी प्रभावित नहीं दिखे। नाराज दिख रहे गावस्कर ने एक समाचार चैनल से कहा कि कपिल देव की तुलना किसी से भी नहीं करनी चाहिए। वह ना केवल पीढ़ी में एक बल्कि सर डॉन ब्रैडमैन और सचिन तेंदुलकर की तरह सदियों में पैदा होने वाले वाले क्रिकेटर हैं। हमें उनकी तुलना किसी के साथ नहीं करनी चाहिए।
साथ ही गावस्कर लंबे प्रारूप में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के खेलने के तरीके से नाखुश दिखे। धवन बर्मिघम टेस्ट में 26 और 13 रनों की पारियां खेल पाए। गावस्कर ने कहा कि शिखर अपने खेल को बदलना नहीं चाहता है।
उन्होंने कहा कि शिखर उसी तरह से खेलने में विश्वास करता है जिसने उसे अब तक सफलता मिली है। आप वनडे क्रिकेट में ऐसे शॉट्स से बच सकते हो क्योंकि उसमें स्लिप में ज्यादा खिलाड़ी नहीं होते हैं और पुल या किनारा लेकर गेंद स्लिप के ऊपर से सीमा रेखा के बाहर चली जाती है।
गावस्कर ने कहा कि लेकिन टेस्ट में इस तरह के शॉट्स के परिणामस्वरूप केवल आप विकेट की खोओगे। जब तक कोई खिलाड़ी मानसिक तालमेल नहीं बैठाता है, तब तक वह विदेशी परिस्थितियों में लाल गेंद के खिलाफ संघर्ष करता रहेगा।
गावस्कर ने कहा कि भारत पांच मैचों की सीरीज में 0-1 से पिछड़ रहा है। इस कारण भारत को लॉर्ड्स में अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं चेतेश्वर पुजारा के रूप में लॉर्ड्स में एक और बल्लेबाज को मौका दूंगा। उसके पास टेस्ट मैच के लिए जरूरी तकनीक और धैर्य है। वह किसकी जगह लेगा यह पिच पर निर्भर करेगा। अगर विकेट पर इतनी घास नहीं हो तो मैं उसे उमेश यादव की जगह चुनूंगा और हार्दिक पंड्या को टीम में बरकरार रखूंगा।